सिटी पोस्ट लाइव : सीएम नीतीश कुमार शराबबंदी को लेकर थोड़ी देर बाद समीक्षा करेंगे. लेकिन उससे पहले उपेन्द्र कुशवाहा ने बड़ी बात कह दी है. जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि बिहार में अवैध और जहरीली शराब का कारोबार कैसे रूक सकता है जब थाना स्तर के पुलिस अधिकारी और जवानों की शराब माफियाओं से मिली भगत है. कुशवाहा ने कहा कि जब तक इस पर लगाम नहीं लगेगा, नीतीश कुमार की शराबबंदी पर सवाल उठते रहेंगे.
कुशवाहा ने साफ़ तौर पर शराबबंदी में पलीता लगाने के लिए पुलिस अधिकारियों को जिम्मेदार बताया है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार शराबबंदी को सफल बनाने के लिए पूरी ईमानदारी से मेहनत कर रहे हैं लेकिन थाना स्तर के पुलिसकर्मियों की वजह से इस पर पलीता लग रहा है. जब नीतीश कुमार समीक्षा बैठक करें तो इस पर खास ध्यान दिया जाना चाहिए.
उपेन्द्र कुशवाहा की माने तो उनका कहना है कि वे खुद जब गांव की तरफ जाते हैं तो उन्होंने भी इसका अनुभव किया है और गांव वाले भी बताते हैं कि थाना स्तर के पुलिस कैसे शराब माफियाओं से सम्बंध रखते हैं और कैसे शराब आसानी से गांवों में मिल रही है. मतलब कुशवाहा का साफ़ तौर पर कहना है कि पहले निचले स्तर के पुलिस जवानों और अधिकारियों पर कार्रवाई करें तभी शराबबंदी सफल हो पाएगी.
बता दें इससे पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जो भी समीक्षा करेंगे वह बेहतर होगा, लेकिन साथ में यह भी ध्यान देना जरूरी है कि बिहार के हर जिले में ऊपर से लेकर नीचे तक शराब के धंधे में माफियाओं का राज चलता है. इस धंधे में पुलिस उनकी मदद करती है. शराब माफिया ऊपर से लेकर नीचे तक जुड़े हुए हैं और शराब का अवैध व्यापार करते हैं, इसलिए इन माफियाओं पर भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए तब ही शराबबंदी पूरी तरह सफल हो पाएगा.