सिटी पोस्ट लाइव : बिहार विधानसभा चुनाव के तारीखों के एलान के बाद सीवान जिले के जदयू के कब्जे वाली महाराजगंज (Maharajganj) विधानसभा सीट पर इस बार सबकी नजरें टिकी हैं। गत 15 साल से यह यह सीट जदयू (JDU) के कब्जे में है।पिछली बार 20 हजार से ज्यादा वोटों से पीछे रहने वाली बीजेपी (BJP) इस बार इस सीट पर काबिज होने के लिये आतुर है। वर्तमान में जदयू के हेम नारायण शाह यहां से विधायक हैं। इससे पहले भी वर्ष 2010 और 2005 में भी यहां जदयू ने कब्जा जमाया था।पिछले तीन विधानसभा चुनावों में यहां जदयू ने दो बार और राजद एक बार बीजेपी को पटखनी दी है। इस बार फिर यहां जदयू(JDU) कब्जा बरकरार रखने और राजद (RJD) इस सीट को छीनने की जुगत भिड़ा रही है।
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दबदबे के बावजूद जदयू का जीत अंतर कम हुआ। महाराजगंज विधानसभा सीट पर भले ही जदयू काबिज है, लेकिन वर्ष 2010 के मुकाबले 2015 में यहां बीजेपी मजबूती से उभरी है। महाराजंग सीट पर जदयू ने वर्ष 2010 में राजद को 20 हजार मतों से मात दी थी। जदयू ने यहां राजद के मुकाबले 18.1 फीसदी ज्यादा मत प्राप्त किये थे। लेकिन वर्ष 2015 के चुनाव में यहां जदयू ने भले ही अपनी पकड़ और मजबूत की हो, लेकिन उसी मजबूती के साथ बीजेपी ने भी उसका पीछा किया। लिहाजा वर्ष 2010 के मुकाबले डेढ़ गुना वोट लेकर भी जदयू वैसी परफॉर्मेंस नहीं दिखा पाई। गत चुनाव में 86459 वोट लेकर भी जदयू की जीत का मत प्रतिशत घट गया। इस चुनाव में वह अपने प्रतिद्वंदी से केवल 13.64 फीसदी मत ही ज्यादा ले पाई। लिहाजा इस बार उसे ज्यादा सतर्क रहने की
आवश्यकता है।
पूर्व विधायक भाजपा नेता डॉ देवरंजन सिंह की स्थिति क्या है ?
तब के वर्तमान विधायक दामोदर सिंह के आकस्मिक निधन के बाद बीजेपी ने पेशे से डॉक्टर सह भाजपा नेता डॉ देवरंजन सिंह को उपचुनाव में मौका दिया था और डॉ देवरंजन उपचुनाव जीतने में कामयाब रहें। लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में जदयू-आरजेडी गठबंधन समर्थित जदयू उम्मीदवार से चुनाव हार गए। इसबार का चुनाव वर्तमान विधायक हेमनारायण शाह और भाजपा नेता डॉ देवरंजन लिए बेहद ही ख़ास होने वाला है।
2000 से इस सीट पर ये दल रहे काबिज
2000 – उमाशंकर सिंह (एसएपी) ने कांग्रेस के दामोदर सिंह को 35956 मतों से हराया. जीत का अंतर 31.24 फीसदी रहा.
2005 – दामोदर सिंह (जदयू) ने राजद के उमाशंकर सिंह को 12966 मतों से हराया. जीत का अंतर 14.97 फीसदी रहा.
2010 – दामोदर सिंह (जदयू) ने राजद के मानिक चंद राय को 2000 मतों से हराया. जीत का अंतर 18.01 फीसदी रहा.
2015 – हरिनारायण शाह (जदयू ) ने बीजेपी के कुमार देव रंजन सिंह को 20292 मतों से हराया. जीत का अंतर 13.64 फीसदी रहा.