सिटी पोस्ट लाइव : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने प्रवासी श्रमिकों (Migrant Laborers) के लिए 50,000 करोड़ रुपये की रोजगार गारंटी योजना की शुरुआत कर दी है. बिहार के खगड़िया के तेलिहर गांव (Telihar village of Khagaria) से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से इस योजना को शुरू करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने तेलिहार ग्राम पंतायत के ग्राम प्रधान अनिल सिंह से बातचीत की. प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन के दौरान गांव लौटे लोगों के बारे में भी जानकारी ली. पीएम मोदी (PM Modi) ने दिल्ली से लौटी स्मिता कुमारी से भी बात की. लॉकडाउन (Lockdown) के चलते उनके पति का काम खत्म हो गया था. उसके बाद वह स्पेशल ट्रेन से खगड़िया लौट आईं. उन्होंने पीएम को बताया कि गरीब रोजगार गारंटी योजना के तहत मधुमक्खी पालन करने का विचार कर रही है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar Chief Minister Nitish Kumar) ने बैठक में कहा कि लॉकडाउन के दौरान मैंने बिहार लौटे मजदूरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बातचीत की. मुझे लगा कि वे काम के लिए दूसरे राज्यों में नहीं जाना चाहते. केंद्र की अगुवाई में शुरू होने वाली यह योजना उन प्रवासी श्रमिकों के लिए काफी लाभकारी साबित होगी जो अभी दूसरे राज्यों में नहीं जाना चाहते हैं.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार की इस योजना में छह राज्यों के 116 जिले ऐसे हैं, जिनमें से हर जिले में कोरोना काल के दौरान शहरों से वापस होने वाले मजदूरों की संख्या 25,000 से ज्यादा हैं. इनमें बिहार के 32 जिले, जबकि उत्तर प्रदेश के 31 जिले शामिल हैं.पीएम द्वारा शुरू किए गए इस कार्यक्रम का मकसद कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण घर लौटे प्रवासी मजदूरों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है. 50 हजार करोड़ रुपये की लागत से शुरू की गई इस योजना के तहत कामगारों को 25 प्रकार के काम दिये जायेंगे. सरकार का दावा है कि मजदूरों की स्किल मैपिंग की गई है और इससे 25 हजार प्रवासी मजदूरों को फायदा पहुंचेगा.
इसे बीजेपी के बिहार विधान सभा चुनाव की तैयारी से भी जोड़कर देखा जा रहा है.बिहार में चार महीना बाद ही चुनाव है और ऐसे में बिहार के ज्यादा जिलों का चुना जाना और उद्घाटन के लिए बिहार का चयन किया जाना ये साबित करता है कि बीजेपी का चुनावी अभियान की एक तरह से ये शुरुवात ही है.
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