सिटी पोस्ट लाइव : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज मोतिहारी के गांधी मैदान में दीप प्रज्ज्वलित कर समाज सुधार अभियान की शुरुआत की। इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में आप सबों की उपस्थिति के लिए धन्यवाद देता हूं। जब से आपने काम करने का मौका दिया है, हमलोग बिहार में लगातार विकास के काम कर रहे हैं। समाज के हर तबके के उत्थान के साथ-साथ समाज के हाशिए पर के व्यक्ति को मुख्य धारा में लाने के लिए काम किया जा रहा है। महिलाओं, एस०सी० एस०टी०, अतिपिछड़े, अल्पसंख्यकों के उत्थान के साथ-साथ सभी वर्गों के लिये काम किया गया, किसी की उपेक्षा नहीं की गई। 24 नवंबर 2005 से हमलोगों ने काम करना शुरु किया तबसे अब तक सबके हित और उसके उत्थान के लिए काम कर रहे हैं। हमलोगों के काम करने के पहले की स्थिति को भूलिएगा मत याद रखिएगा। पुल पुलिया, सड़क, शिक्षा, अस्पताल की स्थिति क्या थी, अपराध की घटनाओं की स्थिति क्या थी। जब हमलोगों को काम करने का मौका मिला तो इन सब पर कितना काम किया गया। सिर्फ विकास नहीं साथ-साथ सबके हित का काम हुआ, सबको आगे बढ़ाने के लिए काम किया जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास के साथ-साथ हमलोग समाज सुधार के लिए भी काम कर रहे हैं। आपको पता है हमलोग शराब को लेकर वर्ष 2011 से अभियान चला रहे हैं। कर्पूरी ठाकुर जी जब वर्ष 1977 में मुख्यमंत्री बने थे, तो उन्होंने शराबंदी लागू की। इसे दो फिर से शुरू कर दिया गया। हमारे मन में शराबबंदी की बात शुरु से थी। इसको क्रियान्वित करने को लेकर मेरे मन में शंका थी लेकिन जब वर्ष 2015 में महिलाओं के एक सम्मेलन में मैं गया हुआ था, महिलाओं के विकास की बातें हो रही थीं। जैसे ही हम बोलकर बैठे कि पीछे से महिलाओं ने आवाज लगायी शराब बंद कराईये। उसके बाद वापस मैं माइक पर आया और कहा कि अगली बार काम करने का मौका मिलेगा तो शराबबंदी लागू करुंगा। चुनाव में जब हमलोगों को फिर से काम करने का मौका मिला तो सबसे पहले हमने 26 नवंबर को बैठक की और सब बातों को तय किया विधानसभा और विधान परिषद के सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से कानून को लागू कराया। सभी सदस्यों ने इसके पक्ष में शपथ ली। उसके बाद अधिकारी, कर्मचारियों ने भी शराब सेवन नहीं करने की शपथ ली। वर्ष 2016 में
सभी प्रमण्डलों में महिलाओं के साथ, जीविका दीदीयों के साथ हमने बैठक की निरंतर यह अभियान चल रहा है। 21 जनवरी 2017 को शराबबंदी के पक्ष में मानव श्रृंखला बनी, जिसमें 4 करोड़ से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया। अधिकारियों के साथ हम शराबबंदी के क्रियान्वयन को लेकर 9 बार बैठक कर चुके हैं। बड़े पैमाने पर लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया है। महिलाओं के एक कार्यक्रम में एक महिला ने कहा कि मेरे पति काम से लौटते थे दारू पीकर आते थे, परिवार में सभी को बुरा लगता था देखने में खराब लगते थे। अब जब शराबबंदी हो गई तो बाजार से सब्जी, फल लेकर आते हैं और घर में आते हैं तो मुस्कुराते हैं। अब देखने में अच्छे लगते हैं, यह कितना बड़ा परिवर्तन हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी कोई काम कीजिएगा तो कुछ लोग गड़बड़ करने वाले होते हैं। किसी मजहब, धर्म के मानने वाले लोग हों पूरे इतिहास को उठाकर देख लीजिए, कितना भी अच्छा काम कीजिएगा कुछ लोग तो गड़बड़ी करेंगे ही। शराबबंदी का कितना असर पड़ा है, आप खुद ही देख लीजिए। 1 अप्रैल 2016 को पहले ग्रामीण इलाके में देशी और विदेशी शराब पर हमलोगों ने रोक लगायी, जबकि शहरी इलाकों में विदेशी शराब बंद नहीं किया गया था। शहरों में महिलाएं, पुरुष, लड़के-लड़कियों ने शराब के आवंटित दुकानों के खोले जाने पर कड़ा विरोध जताया। इसके बाद 5 अप्रैल 2016 को राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी गई। आपको याद होगा कि पटना के गांधी मैदान में मानव श्रृंखला बनी थी, सभी ने शपथ ली थी। मीडिया के साथी जो हैं उनलोगों ने भी शपथ ली थी। बहनों की इच्छा से ये सारा काम हो रहा है। कितने लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया। कई लोग इधर-उधर करके शराब पी रहे हैं और उन्हें गलत चीजें मिलाकर पिलाये जाने से उनकी मौतें भी हो रही हैं। इस पर सोचिए की शराब कितनी बूरी चीज है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समाज सुधार अभियान है, यह निरंतर जारी रहेगा। हर गांव, हर शहर में यह चलता रहेगा। उन्होंने कहा कि शराब इतनी बुरी चीज है इसके संबंध में विज्ञापन के जरिए भी लोगों को जानकारी दी जा रही है, उस पर भी गौर कीजिएगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पूरी दुनिया का वर्ष 2016 से 2018 तक सर्वेक्षण कराया और 2018 में ही ने रिपोर्ट को प्रकाशित किया। उस रिपोर्ट बताया गया है कि शराब पीने से दुनिया में 30 लाख लोगों की मृत्यु होती है यानि ने दुनिया में जितनी मृत्यु हुई उसका 5.3 प्रतिशत मौत शराब पीने से हुई है। 20 से 39 आयु वर्ग के लोगों में 13.5 प्रतिशत मृत्यु शराब पीने के कारण होती है। जबकि 18 प्रतिशत लोग शराब पीने से आत्महत्या कर लेते हैं। शराब पीने के कारण 18 प्रतिशत आपसी झगड़े होते हैं। शराब पीने से दुनियाभर में 27 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। शराब के सेवन से 200 प्रकार की बीमारियां होती हैं। शराब के सेवन से 48 प्रतिशत लीवर की गंभीर बीमारी लीवर सिरोसिस के शिकार लोग होते हैं। माउथ कैंसर के कुल मामलों का 26 प्रतिशत शराब पीने के कारण होती है। पैंक्रियाज के 26 प्रतिशत, बड़ी आंत की बीमारी के 11 प्रतिशत मरीजों की शराब पीने से होती है। ब्रेस्ट कैंसर के 5 प्रतिशत और टीबी के 30 प्रतिशत मामले शराब सेवन से होती है। शराब के दुष्परिणामों के जो आंकड़े दिए गए हैं, उस पर सबलोग गौर कीजिए और हमारा आपलोगों से आग्रह है कि इसके बारे में सभी को बताएं। शराबबंदी के लिए निरंतर अभियान चलाते रहने की जरुरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चंपारण में बापू वर्ष 1917 में आए। उनके आने के 100 साल पूरे होने पर हमलोगों ने अभियान चलाया। आजादी की लड़ाई में बापू की बहुत बड़ी भूमिका थी। वर्ष 1917 में बापू चंपारण आए और चंपारण सत्याग्रह का अभियान चालाया और इसके 30 साल के बाद देश आजाद भी हो गया। बापू उस समय भी शराब के विरोध में थे। बापू की बातों को सभी को मानना चाहिए। उनके संदेश को हमलोग हर जगह प्रचारित करवा रहे हैं। बापू ने कहा था- शराब न सिर्फ आदमी का पैसा, बल्कि बुद्धि भी खत्म कर देता है। शराब पीने वाला इंसान हैवान हो जाता है। बहनों से आग्रह करेंगे कि जो शराब पीते हैं उनके चारो तरफ खड़ा होकर जमकर नारा लगाईये और सूचना भी दीजिए। जहां बैठिए शराब नहीं पीने के लिए लोगों को प्रेरित कीजिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल विवाह करने से तरह-तरह की परेशानी होती है, बेटियों की जिंदगी बर्बाद हो जाती है।
किसी भी स्तर पर बाल विवाह मत करने दीजिए। हम सभी पुरुष, स्त्री यहां हैं। महिलाओं की देन है कि हमको ये जीवन मिला है इसलिए पुरुष स्त्री समाज के दोनों अंग है, इन दोनों के वगैर समाज का विकास संभव नहीं। महिलाओं और लड़कियो के प्रति अच्छी भावना रखें, तभी हम आगे बढ़ पाएंगे। बाल विवाह की शिकार लड़कियों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है और जन्म लेने वाले बच्चे भी अस्वस्थ रहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि दहेज प्रथा और भी खराब है। कई जगह पर लोग शादी के बाद लड़की को तंग करते हैं कि और पैसे मिलने चाहिए। कानूनी रूप से दहेज लेना अपराध है। सभी लोगों से आग्रह है कि प्रचार कीजिए की दहेज प्रथा बहुत खराब काम है। हमने कहा था कि जिस कार्ड पर दहेज मुक्त लिखा होगा उसी शादी में हम जाएंगे, आज फिर इस बात को दुहराते हैं कि मेरा कितना भी कोई नजदीकी होगा, अगर कार्ड पर दहेज मुक्त शादी नहीं लिखा होगा तो हम उस शादी में नहीं जाएंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने जीविका समूह को बनाया। वर्ष 2006 में मुजफ्फरपुर के 2-3 जगहों पर जाकर हमने इनके कार्यों को देखा था। स्वयं सहायता समूह बनाकर महिलाएं काम कर रही थीं। फिर हमने विदेश से कर्जा लेकर 50 ब्लॉक में इसको शुरु कराया। । हमलोगों का 10 लाख स्वयं सहायता समूह बनाने का लक्ष्य था। अब तो 10 लाख के लक्ष्य को 1 करोड़ 27 लाख महिलाएं इससे जुड़ गई हैं। बिहार में में ही जीविका नामकरण किया गया। उस समय की केंद्र सरकार ने पूरे देश में आजीविका के नाम से इसको शुरू किया। विकास के साथ-साथ समाज सुधार का अभियान भी चलता रहे। विकास के लिए तय किए गए कार्यों का क्रियान्वयन ठीक ढंग से हो, इसकी भी हम समीक्षा निरंतर करते हैं।
सात निश्चय -1 और सात निश्चय-2 के तहत कई कार्यक्रम चलाए गए हैं। समाज सुधार के बिना विकास का कोई मतलब नहीं है। समाज सुधार के बिना विकास का कोई मतब नहीं है। विकास के साथ समाज सुधार होगा तो समाज, राज्य और देश आगे बढ़ेगा। आपलोगों से उम्मीद करता हूं कि आप अपने गांव, इलाकों में जाकर इस अभियान को चलाईयेगा। आपने हाथ उठाकर संकल्प भी लिया इस बात के लिए आपलोगों को हृदय से धन्यवाद। कार्यक्रम को मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन मंत्री सह पूर्वी चंपारण जिले के प्रभारी मंत्री श्री सुनील कुमार, गन्ना उद्योग एवं विधि मंत्री प्रमोद कुमार, मुख्य सचिव श्री त्रिपुरारी शरण, पुलिस महानिदेशक एस0के0 सिंघल, अपर मुख्य सचिव गृह चैतन्य प्रसाद, मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव के०के० पाठक ने भी संबोधित किया।
समाज सुधार अभियान की शुरुआत करने के पहले मुख्यमंत्री ने समाहरणालय के सामने स्थित बापू की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम की शुरुआत से पहले मुख्यमंत्री ने चित्र प्रदर्शनी, पूर्वी चंपारण हस्तकला केंद्र की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री का स्वागत पौधा एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर किया गया। कार्यक्रम के दौरान जीविका दीदीयों ने स्वागत गान गाया और कला जत्था के कलाकारों ने नशामुक्ति से संबंधित जागरुकता गीत को प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री सतत् जीविकोपार्जन योजना के तहत 4.5 करोड़ की राशि मुख्यमंत्री ने जीविका की दीदीयों को डमी चेक प्रदान कर किया। 7.252 स्वयं सहायता समूह को बैंकों द्वारा प्रदत 95 करोड़ 50 लाख रुपए की राशि का डमी चेक मुख्यमंत्री ने प्रदान किया।
जल-जीवन- हरियाली अभियान तहत 20 जलाशयों के रखरखाव हेतु 21 लाख 29 हजार रूपये का डमी चेक मुख्यमंत्री ने प्रदान किया। मुख्यमंत्री ने जीविका दीदीयों कृषि कार्य हेतु ट्रैक्टरों की चाभी जीविका दीदीयों को सौंपा। अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत कुछ लाभार्थियों को तथा सड़क दुर्घटना के अंतर्गत मिलने वाली मुआवजे की राशि कुछ आश्रित परिवारों को सांकेतिक रूप से प्रदान किया गया। कार्यक्रम के दौरान जीविका दीदीयों के साथ संवाद कार्यक्रम के अंतर्गत सतत् जीविकोपार्जन योजना की लाभार्थी श्रीमती शिव कुमारी देवी, बाल विवाह के दुष्परिणामों से सीख लेने वाली श्रीमती मीना देवी, शराबबंदी के लिए महत्वपूर्ण काम करने वाली श्रीमती सबिता देवी, दहेज प्रथा खत्म करने के खिलाफ श्रीमती लाडली खातून तथा सतत् जीविकोपार्जन की लाभार्थी श्रीमती उषा देवी ने अपने-अपने अनुभवों को साझा किया। सभी महिलाओं ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि हम सभी मुख्यमंत्री के आभारी हैं जिन्होंने हमलोगों के जीविकोपार्जन के साथ-साथ आत्म सम्मान, स्वावलंबन एवं दृढ़ इच्छाशक्ति को बढ़ाया है। शराबबंदी लागू होने से घर-परिवार में शांति आयी और परिवार का विकास हो रहा है। साइकिल और पोशाक योजना का लाभ सभी बच्चियों को मिल रहा है, जिससे उन्हें पढ़ाई करने में काफी सुविधा हो रही है।