सिटी पोस्ट लाइव, रांची: भारतीय जनता पार्टी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने रांची समेत झारखंड के प्राइवेट अस्पताल संचालकों से मार्मिक अपील करते हुए कोरोना संक्रमण काल में सहयोग की अपील की है। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि दूसरे लहर कोरोना के इस प्रलयकारी काल में लोगों को मौत के मुंह से बचाने में सरकारी-गैर सरकारी अस्पतालों एवं उनके सेवाभावी डाक्टर्स, नर्सेस, पारा मेडिकल स्टाफ्स के महत्वपूर्ण योगदान के लिए सभी उनके आभारी हैं। लेकिन दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि विपदा के इस अवसर को सिर्फ मुनाफा कमाने का हथियार मानने वाले चंद प्राइवेट अस्पतालों ने निर्लज्जता की ऐसी हदें पार कर दी है कि उनकी कारिस्तानी के किस्से सुनकर शर्म भी सरमा जाय। ,
उन्होंने कहा कि ऐसे भुक्तभोगी मरीजों और उनकी देखरेख कर रहे परिजनों की आपबीती एवं अनुभव की बातें सुनकर बड़ी पीड़ा होती है। लोग बता रहे हैं कि उन कुछ अस्पतालों में भर्ती के जद्दोजेहाद से लेकर इलाज तक में कैसी लापरवाही, उपेक्षा और पक्षपात किया जाता है। और उन जगहों पर रोगी के बिमारी की गंभीरता नहीं बल्कि उसका हैसियत और मुंह देखकर इलाज और देखभाल किया जाता है। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सरकार द्वारा दर निर्धारित किये गये होने के बावजूद कुछ अस्पतालों ने उसे नजरअंदाज कर लूटने और तड़पते-बिलखते लेगें के खून चूसने का ऐसा किर्तिमान बनाया है कि सोशल मीडिया में यहां तक कहा जाने लगा है कि ‘‘ कुछ प्राइवेट अस्पताल आदमखोर हो गये हैं।‘‘
लोग बता रहे हैं कि कैसे मरीजों को आक्सीजन लगा कर यूं ही दिन-रात छोड़ दिया जा रहा है। कोई देखने तक नहीं आता। स्लाइन लगाकर उसे देखने तक कोई नहीं आता। सलाइन खत्म हो जाता है। मरीज घंटी बजाता रहता है। कोई एटेंड करने नहीं आता। नतीजतन स्लाइन बोतल खाली होने के बाद भी लगा ही रह जाता है। डाक्टरों के मुताबिक यह इतना खतरनाक काम है कि मरीज की जान भी जा सकती है।
कुछ अस्पालों में पहले से उपलब्ध बेड के हिसाब-कार्य क्षमता के अनुसार विशेषज्ञ डाक्टर, नर्स-टेक्नीशीयन, पारा मेडिकल स्टाफ नहीं। उपर से अस्पताल के गली-कूची तक में अनगिणत बेड लगा आक्सीजन का नली नांक में ठूंसकर पैसा लूटा जा रहा है। इलाज के नाम पर तड़पते-कराहते लोगों को कोई देखने वाला तक नहीं। बेड के बगल में मरे परे मरीज को घंटो वहां से हटाने वाला कोई नहीं नतीजतन बगल में पड़े मरीज यह सब देख हार्ट अटैक से मर रहे। ये सब खतरनाक खेल कब तक चलेगा? कौन देखेगा ये सब?
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इस तरह का काम कर रहे उन चंद प्राइवेट अस्पतालों से हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि वे ऐसी लापरवाही एवं सिर्फ और सिर्फ लूटने की प्रवृति से बाज आयें। वे ये समझने की कोशिश करें कि सहने की सीमा जब जवाब दे देती है तब लोगों का आक्रोश फूटता है। ऐसी स्थिति न आये इसके लिये हम वैसे अस्पतालों को आगाह करते हुए सुधार लाने की अपील करते हैं।