सिटी पोस्ट लाइव, रांची: राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव ने पार्टी सुप्रीमो और पिता लालू प्रसाद यादव से रिम्स के पेइंग वार्ड में शनिवार को मुलाकात की। दोनों के बीच करीब सवा घंटे तक बात हुई। इस दौरान स्वास्थ्य, घर-परिवार से लेकर बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम समेत तमाम मुद्दों पर बात हुई।
आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद से मुलाकात के बाद बाहर निकलने के बाद पत्रकारों से बातचीत में तेजस्वी यादव ने कहा कि लगभग पांच महीने के बाद वे अपने पिता से मिलने के लिए रांची आये है। उनका स्वास्थ्य अच्छा नहीं है, किडनी सिर्फ 25 प्रतिशत ही काम कर रहा है,ऐसे में कभी भी डायलिसिस की जरुरत पड़ सकती है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए वे एम्स दिल्ली, पारिवारिक चिकित्सक और अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों से लगातार परामर्श ले रहे हैं। पिता लालू प्रसाद यादव से मुलाकात करने के बाद बाहर निकले तेजस्वी यादव ने भावुक होते हुए मीडिया से बात की। पिता लालू यादव की तबीयत का जिक्र करते हुए तेजस्वी ने कहा कि पिता जी से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना। उन्होंने कहा कि उनके पिता और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद की तबीयत अच्छी नहीं है। किडनी मात्र 25प्रतिशत काम कर रही है। लालू की तबीयत को लेकर डॉक्टर और उन्होंने दिल्ली के चिकित्सकों से बात की है, ताकि वह रांची आकर लालू प्रसाद के स्वास्थ्य की जांच कर सकें।
तेजस्वी यादव ने कहा कि किसान अन्नदाता है, देश की 70 प्रतिशत आबादी कृषि कार्य पर निर्भर है। देश में पहली बार ऐसा हो रहा है, जब कृषि क्षेत्र में प्राइवेट क्षेत्र को घुसाया जा रहा है, कृषि का भी निजीकरण करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि बीजेपी नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने रेल , बीएसएनएल, एलआईसी, एयर इंडिया और सार्वजनिक उपक्रम की कई कंपनियों को बेच दिया गया, अब कृषि क्षेत्र में भी प्राइवेट सेक्टर के हावी होने से किसानों की मुश्किलें बढ़ जाएगी। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी मिलना चाहिए, देशभर के किसान एमएसपी की लड़ाई को लेकर संघर्षरत है। किसान अपने सम्मान की लड़ाई लड़ रहे है, सभी को सहयोग करना चाहिए।
आरजेडी नेता ने कहा कि केंद्र सरकार को तानाशाही रवैया छोड़ कर किसानों की जायज मांगें तत्काल पूरी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार-झारखंड के किसानों की स्थिति इतनी खराब है कि ये आवाज उठाने की भी स्थिति में भी नहीं है। वर्ष 2006 में जब बिहार में एपीएमसी को खत्म किया गया, तो मंडिया और बाजार समितियां खत्म हो गयी, किसान मजदूरी करने को विवश हो गये है।
वहीं पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि बंगाल चुनाव को लेकर पार्टी कोई विशेष रणनीति नहीं बना सकी है।