CM योगी के खिलाफ बिहार में परिवाद दायर, हनुमान की जाति जानकर सीने में हुआ दर्द

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CM योगी के खिलाफ बिहार में परिवाद दायर, हनुमान की जाति जानकर सीने में हुआ दर्द

सिटी पोस्ट लाइव : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्य योगी हनुमान जी की जाति बताकर बुरे फंस गए हैं. आदित्यनाथ द्वारा रामभक्त हनुमान को दलित बताये जाने का मामला अब सियासत से होते हुए अदालत तक पहुँच गया है. इस बयान को लेकर बिहार के समस्तीपुर जिले की अदालत में एक परिवाद दायर हो गया है. समस्तीपुर के रोसड़ा के व्यवहार न्यायालय में अधिवक्ता अमरेश झा ने यह परिवाद दायर कराया है. उन्होंने योगी आदित्यनाथ पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया है.

अमरेश झा ने बताया है कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ  ने वोट के लिए भगवान को जाति में बांटने का काम किया है. ऐसा कर उन्होंने लाखों-करोड़ों लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है. देश की धर्मनिरपेक्षता को खंडित करने का काम  है. साथ ही संविधान एवं हिंदू हित के खिलाफ भी काम किया है. झा ने कहा है कि चैनलों पर बार-बार इस खबर को दिखाए जाने से उनकी धार्मिक भावना पर कुठाराघात हुआ है. जिससे उनके सीने में दर्द शुरू हो गई और उनकी पत्नी को भी सदमा पहुंचा है. शिकायतकर्ता के साथ-साथ अन्य लोगों ने भी योगी आदित्यनाथ के बयान को धर्मनिरपेक्षता की भावना को खंडित होना तथा धार्मिक द्वेष फैलाने वाला बताया है.

मालूम हो कि योगी आदित्यनाथ ने बीते दिनों राजस्थान की जनसभा में भाजपा की ओर से प्रचार करते हुए भाषण देने के क्रम में बजरंगबली को दलित एवं वंचित समुदाय का बता दिया था. इस बयान के बाद से ही हनुमान को दलित बताने के बाद उनके समर्थन-विरोध में भी बहुत बातें कही-सुनी जा रही है.

इधर अब योगगुरु बाबा रामदेव ने योगी आदित्यनाथ की बात को गलत करार दे दिया है. रामदेव ने कह दिया है कि हनुमान दलित नहीं, बल्कि ब्राह्मण थे. बाबा ने इसके लिए बाकायदा तर्क भी दिए हैं. रामदेव ने झारखंड की राजधानी रांची में मीडिया से बात करते हुए हनुमान को ब्राह्मण बताया है. उन्होंने कहा कि वानरराज हनुमान सिर्फ राम के भक्त ही नहीं, बल्कि महान विद्वान और चारों वेदों के ज्ञाता भी थे. वे कर्म से ब्राह्मण थे.

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