सिटी पोस्ट लाइव : इसबार बिहार में ईद के त्यौहार का रंग बहुत फीकी फिकी रहनेवाला है. एक तो कोरोना का कहर है, दूसरे बिहार सरकार ने वेतन नहीं दिया है.गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 20 मई तक सभी कर्मियों को मई माह तक का वेतन देने के आदेश दिया था लेकिन इसके बावजूद भी शिक्षा विभाग के अधिकारियों के ढुलमुल रवैया, लालफीताशाही के कारण शिक्षकों को वेतन नहीं मिला. आवंटन रहने के बाद भी पिछले चार महीनों का वेतन आज तक (फरवरी, मार्च, अप्रैल और मई 2020) नहीं जारी किया गया.
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के मीडिया प्रभारी सह प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने कहा कि अपनी मांगों के समर्थन में पिछले 17 फरवरी से प्राथमिक व 25 फरवरी से माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक हड़ताल पर थे. लेकिन कोरोना वैश्विक महामारी को देखते हुए तथा राज्य सरकार व शिक्षा विभाग के अनुरोध पर 04 मई से अपनी हड़ताल को वापस लिया. शिक्षा विभाग ने अपने लिखित समझौता तथा हड़ताल वापसी के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दिए अपने आदेश में स्पष्ट किया था कि लॉकडाउन अवधि तथा फरवरी माह के कार्यरत अवधि का वेतन अविलंब जारी करें. इस बीच राज्य सरकार ने भी राज्य के सभी कर्मियों को मई माह का वेतन ईद से पूर्व भुगतान करने का निर्देश जारी किया. मगर एक बार फिर राज्य के शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मनमानी, हठधर्मिता, लालफीताशाही की वजह से आजतक वेतन नहीं मिल पाया है.
राज्य के शिक्षकों का वेतन फरवरी से लेकर मई माह तक ईद के पहले जारी नहीं किया गया. यह बात अलग है कि एक-दो जिलों में शिक्षक संघ की विशेष तत्परता पर मात्र फरवरी माह के कार्यरत अवधि का वेतन भुगतान संभव हो सका है.बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने कहा कि एक तरफ राज्य के सभी कोटि के शिक्षक अपनी गर्मियों की छुट्टियों के बाद भी शिक्षा विभाग के आदेश पर बिना सुरक्षा व संसाधन यथा मास्क, पीपीई कीट, सेनेटाईजर आदि के नहीं मिलने के बाद भी अपने विद्यालयों में उपस्थित रहकर कोरेंटाइन सेंटरों में सेवा दे रहे हैं. उन्होंने मांग की है कि कोरोना संकट के इस काल में तथा लॉकडाउन की मुश्किल घड़ी में तथा सरकार व विभाग के आदेश के बाद भी अल्पसंख्यकों के मुबारक माह रमजान व ईद पर्व पर भी वेतन भुगतान न करने वाले अधिकारियों पर अविलंब कार्रवाई की जाय.