सिटी पोस्ट लाइव, रांची: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने राज्य के वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव द्वारा पेश किये गये बजट को अदूरदर्शी, विकास विरोधी और हवा-हवाई करार दिया गया है। रांची स्थित पार्टी कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दीपक प्रकाश ने कहा कि इस बजट राज्य के युवाओं,किसानों, महिलाओं,गरीबो सब को निराश किया है। इसमे कुछ उम्मीद की किरण अगर है तो वह केंद्रीय सहायता से चलने वाली योजनाएं है, जिनका इस सरकार ने बड़ी चालाकी से नाम बदलकर अपना पीठ थपथपाने की कोशिश की है। उदाहरण के लिये प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और आयुष्मान भारत योजना का नाम बदलकर क्रेडिट लेने का प्रयास है।
दीपक प्रकाश प्रकाश ने कहा कि बजट में राज्य के ज्वलंत मुद्दे बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क ,बिजली ,पानी, ग्रामीण विकास, विधि व्यवस्था के साथ औद्योगिक विकास, लघु कुटीर उद्योग के विकास पर कोई सार्थक पहल नहीं की गई है। एक तरफ यह सरकार लगातार केंद्र सरकार को दोष देती है जबकि बजट में किये गए अधिकांश प्रवधान केंद्रीय सहायता से ही पूरे होने की बात कही गई है। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार में माल महाराज के मिर्जा खेले होली की कहावत ही चरितार्थ हो रही। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि बजट भाषण में सतत विकास की बात कही गई है परंतु यह सरकार इसमे विस्वास नही करती।इस सरकार में योजनाएं बंद की गई। उन्होंने कहा कि यह सरकार पुरानी घोषणाओं को भी धरातल पर नही उतार सकी। बेरोजगारों के भत्ते का क्या हुआ। किसानों की ऋण माफी, एमएसपी पर धान खरीद सभी योजनाएं धरी रह गई।
दीपक प्रकाश ने कहा कि राज्य की जनता जानती है कि 9 महीने तक गरीबों को मुफ्त चावल प्रति व्यक्ति 5 किलो केंद्र सरकार ने भेजे। यह सरकार तो इसे वितरण की जिम्मेवारी भी सही ढंग से नही निभा सकी। गरीबों ,विधवा बहनो, किसानों के खाते में कोरोना काल मे नरेंद्र मोदी की सरकार ने ही पैसे भेजे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार वित्तीय कुप्रबंधन की शिकार है। बजट राशि खर्च करने में अक्षम सरकार केंद्र को दोष देने में ही समय गवां दिया। युवाओं केलिये पिछले बजट में घोषित बेरोजगारी भत्ता नही मिला।किसानों की धान खरीद सरकारी दर पर नही हुए। कहा कि यह सरकार प्रवासी भाइयों का भी मजदूर कह कर अपमानित कर रही।ये प्रवासी भाई बहन राज्य के लिये महत्वपूर्ण हैं। जिनके हुनर कौशल का उपयोग राज्य सरकार नही कर सकी और ये फिर से और अधिक संख्या में राज्य से बाहर पलायन को मजबूर हुए। उन्होंने कहा कि कोविड केलिये केंद्र सरकार ने जो200 करोड़ की सहायता दी उसका सरकार ने बंदर बांट कर दिया।