भाजपा नेता प्रतिपक्ष बनाने की जिद छोड़कर अनुभवी को मौका देने पर करे विचार: बाबूलाल
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड कांग्रेस ने कहा है कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को झारखंड विकास मोर्चा से भाजपा में गए बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष बनाने की जिद छोड़कर पार्टी के ही किसी अन्य अनुभवी विधायक को मौका देने पर विचार करना चाहिए ताकि राज्य की जनता को नेता प्रतिपक्ष के रूप में ऐसा नेता मिले जो जनता की आवाज को सदन के पटल पर ठीक तरीके से रख सके। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राकेश किरण महतो ने सोमवार को कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है। नेता प्रतिपक्ष का पद रिक्त रहने के कारण जनता से जुड़े कई गम्भीर एवं ज्वलन्त विषयों का समाधान नहीं हो पा रहा है जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
झारखंड विधानसभा में झाविमो के विलय का मुद्दा विधानसभा अध्यक्ष के न्यायाधिकरण में जा चुका है। भाजपा के पास अभी वर्तमान में पार्टी के कुल 25 विधायक हैं। बावजूद इसके उनको ऐसे व्यक्ति को आयात करना पड़ रहा है जो चुनाव पूर्व तक भाजपा को पानी पी-पी कर कोसा करते थे। भाजपा के इस कदम से यह स्पष्ट परिलक्षित होता है कि उनके दल में नेतृत्व का घोर अभाव है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश का यह बयान कि ‘‘बाबूलाल मरांडी के दल के विलय से हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार का आदिवासी और संथाल विरोधी चेहरा उजागर हुआ है’’ यह कहीं से तर्कसंगत नहीं लगता है। न्यायाधिकरण में ऐसे मामलों का जाना तय एवं निहित प्रक्रिया है। भाजपा को इस तरह के मामले में विरोध करने का ना कोई आधार है और ना कोई औचित्य। क्योंकि पिछली भाजपा सरकार में भी जेवीएम के छह विधायकों के भाजपा में शामिल हो जाने पर यही बाबूलाल मरांडी करीब चार साल तक न्यायाधिकरण में अपने तर्क देते रहे जो अंत में खारिज हो गया। उस समय भाजपा का यह आदिवासी और संथाल परगना की उपेक्षा की दुहाई कहां चला गया था। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली इस झारखंड सरकार में सब कुछ नियम-कानून एवं कायदे से हो रहा है। भाजपा को भी झारखंड विधानसभा अध्यक्ष के न्यायाधिकरण पर भरोसा कर फैसला आने तक किसी भी तरह की बयानबाजी से बचना चाहिए।