सिटी पोस्ट लाइव : अपनी पार्टी में चल रही बगावत का सामना कर रहे चिराग पासवान का दर्द छलका है. चिराग ने कहा, ‘इस विवाद को सुलझाने में बीजेपी से मदद की अपेक्षा थी लेकिन उनकी चुप्पी ने निश्चित रूप से आहत हुआ हूँ. चिराग ने कहा, ‘मेरे पिता रामविलास पासवान (Ram vilas Paswan) और मैं बीजेपी (BJP) के साथ चट्टान की तरह खड़े रहे, लेकिन जब मैं उनसे इस मुश्किल समय में उम्मीद कर रहा था तो वे साथ नहीं हैं.’चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने कहा कि भाजपा के साथ उनके संबंध ‘एकतरफा’ नहीं रह सकते हैं . उन्हें घेरने का प्रयास जारी रहा तो वह अपने भविष्य के राजनीतिक कदमों को लेकर सभी संभावनाओं पर विचार करेंगे.
चिराग ने कहा कि उनका मोदी में विश्वास कायम है. उन्होंने कहा, ‘लेकिन अगर आपको घेरा जाता है, धकेला जाता है और कोई फैसला लेने के लिए मजबूर किया जाता है, तो पार्टी सभी संभावनाओं पर विचार करेगी … LJP को अपने राजनीतिक भविष्य के बारे में इस आधार पर निर्णय लेना होगा कि कौन उसके साथ खड़ा था और कौन नहीं.’ यह पूछे जाने पर कि क्या मौजूदा संकट के दौरान भाजपा ने उनसे संपर्क किया था, उन्होंने कहा कि BJP का चुप रहना ‘उचित’ नहीं था, जबकि JDU, LJP में विभाजन के लिए ‘काम कर रही थी.’ चिराग ने कहा, ‘मुझे उम्मीद थी कि वे (BJP) मध्यस्थता करेंगे और चीजों को सुलझाने का प्रयास करेंगे. उनकी चुप्पी निश्चित रूप से आहत करती है.’
चाचा पशुपति कुमार पारस को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की अटकलों के बारे चिराग ने कहा कि अगर भाजपा पारस को एलजेपी उम्मीदवार के रूप में मंत्री पद की पेशकश करती है तो ऐसा निर्णय उन्हें स्वीकार्य नहीं होगा. चिराग पासवान के खिलाफ 5 सांसदों के गुट का नेतृत्व करने वाले पशुपति कुमार पारस को लोक सभा में एलजेपी नेता के रूप में मान्यता दी गई है. चिराग ने कहा कि पारस को निर्दलीय या किसी अन्य क्षमता में मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है, लेकिन एलजेपी उम्मीदवार के रूप में प्रतिनिधित्व उन्हें स्वीकार्य नहीं होगा.
लोकजनशक्ति पार्टी (LJP) में दो फाड़ होने के बाद पार्टी के अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने खुला पत्र लिखकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी जमकर भड़ास निकाली है. उन्होंने अपने पत्र में कहा कि उनके पिता रामविलास पासवान (Ram vilas Paswan) ने कभी भी नीतीश कुमार से समझौता नहीं किया. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नीतीश ने रामविलास पासवान को अपमानित करने और राजनीतिक तौर पर समाप्त करने के लिए कोई मौका नहीं छोड़ा.
एलजेपी के संस्थापक रामविलास पासवान के पुत्र चिराग ने लिखे अपने भावुक पत्र में कहा कि JDU ने हमेशा से LJP को तोड़ने का काम किया है. उन्होंने पत्र में लिखा, ‘साल 2005 फरवरी के चुनाव में हमारे 29 विधायकों को तोड़ा गया और साथ ही हमारे बिहार के प्रदेश अध्यक्ष को भी तोड़ने का काम किया गया. साल 2005 में नवंबर में हुए चुनाव में सभी हमारे जीते हुए एक विधायक को भी तोड़ने का काम JDU ने ही किया.’ चिराग ने आगे लिखा, ‘2020 में जीते हुए एक विधायक को भी तोड़ने का काम JDU द्वारा ही किया गया. अब LJP के 5 सांसदों को तोड़ JDU ने अपनी ‘बांटो और शासन करो’ की रणनीति को दोहराया है.’
इतना ही नहीं चिराग ने पत्र में आगे कहा कि रामविलास पासवान के जीवन में कई बार नीतीश द्वारा उनकी राजनीतिक हत्या का प्रयास किया गया. दलित और महादलित में बंटवारा करवाना उसी का एक उदाहरण है. उन्होंने पत्र में लिखा, ‘हमारे नेता रामविलास पासवान जी ने और मैंने दलित और महादलित समुदाय में कभी कोई अंतर नहीं समझा. सबको एकजुट कर अनुसूचित जाति के लोगों के लिए संघर्ष किया लेकिन नीतीश कुमार जी ने मुझे और मेरे पिता को अपमानित करने का और राजनीतिक तौर पर समाप्त करने का कोई मौका नहीं छोड़ा. इतना कुछ होने पर भी हमारे नेता रामविलास पासवान जी नहीं झुके.’
चिराग पासवान ने अपने पत्र के अंत में कार्यकतार्ओं के के लिए लिखा, ‘साथियों, आने वाले समय में हम सबको एक लंबी और राजनीतिक और सैद्धांतिक लड़ाई लड़नी है. ये लड़ाई किसी व्यक्ति विशेष के अस्तित्व की नहीं बल्कि रामविलास पासवान के विचारधारा को बचाने की है.’ उन्होने वादा करते हुए कहा कि एलजेपी हमारी थी और हमारी रहेगी.