सिटी पोस्ट लाईव : लालू यादव के बेटों के बीच क्यों छिड़ी है जंग? क्यों बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने छोटे भाई तेजस्वी के खिलाफ खोला मोर्चा ? ईन सारे सवालों का जबाब अब मिल गया है. तेजप्रताप के निजी सचिव अभिनन्दन यादव ने सिटी पोस्ट लाईव से बातचीत के दौरान असली वजह का खुलासा कर दिया है. अभिनन्दन यादव के अनुसार राबडी देबी के तीन रिश्तेदार इस झगड़े की जड़ में हैं.ये तीनों सगे भाई हैं और तेजस्वी के पीए हैं. दिन रात तेजस्वी और राबडी देबी के साथ रहते हैं.अभिनन्दन यादव का कहना है कि ये तीनों नाग दोनों भाइयों को लड़ाते रहते हैं.जो भी लोग तेजप्रताप के करीबी हैं, उनकी शिकायत राबडी देबी से करते रहते हैं. जो भी तेजप्रताप के करीब आता है,उसकी शिकायत कर ये हटवा देते हैं.
ये तीन नाग हैं राबडी देबी के रिश्तेदार .इनके नाम हैं-मणि यादव,ओमप्रकाश यादव और नागमणि. अभिनन्दन यादव का कहना है कि तीनों के नाम में नाग शब्द जुड़ा हुआ है.ईन तीनों के स्वभाव नाग से मिलते जुलते हैं.ये नाग लालू परिवार को डांस रहे हैं. तेजप्रताप यादव के इस निजी सचिव अभिनन्दन यादव का कहना है कि तेजप्रताप को राजनीति से दूर करने के लिए ये तीनों लगातार काम कर रहे हैं.ये पूछे जाने पर कि क्या ये खुलासा वो तेजप्रताप की सहमति से कर रहे हैं,अभिनन्दन यादव ने कहा कि वे तेजप्रताप के निजी सचिव की हैसियत से यह खुलासा इसलिए कर रहे हैं ताकि पार्टी सुप्रीमो लालू यादव हसक्षेप करें.
अभिनन्दन यादव का कहना है कि पार्टी और घर दोनों जगहों पर तेजप्रताप को महत्त्व नहीं मिल रहा है. जबकि तेजप्रताप में लालू यादव का हर गुण कुटकुट कर भरा हुआ है. उनका बात करने का लहजा, भाषण देने का तरीका, समर्थकों से मिलने जुलने का अंदाज, जेस्चर, बड्डी लंगुवेज सबकुछ लालू वाला है. अभिनन्दन यादव का कहना है कि पार्टी को लालू यादव की तरह तेजप्रताप ही संभाल सकते हैं. अभिनन्दन यादव ने सीधे सीधे तेजस्वी पर हमला तो नहीं किया लेकिन इतना जरुर कह दिया कि तेजप्रताप के साथ हो रही शाजिश पर वो चुप क्यों हैं? क्यों नहीं तेजस्वी जी हस्तक्षेप करते हैं. अभिनन्दन यादव ने सिटी पोस्ट की इस खबर को सही बताया कि तेजप्रताप के बार बार फोन करने पर इन्हीं तीन रिश्तेदारों ने उनकी बात जब तेजस्वी से नहीं होने दी थी तब तेजप्रताप यादव ने विद्रोह कर दिया था. अभिनन्दन यादव ने कहा कि तेजप्रताप में राजनीति कूट कूटकर भरी हुई है. वो राजनीति से सन्यास लेनेवाले नहीं.पार्टी पर दोनों भाइयों का बराबर हक़ होना चाहिए