क्या तीन राज्यों में हारने के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर ब्रहमास्त्र चला दिया है, क्या एक्सीडेंटल इनसीडेंट है यह फिल्म?

City Post Live - Desk

क्या तीन राज्यों में हारने के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर ब्रहमास्त्र चला दिया है, क्या एक्सीडेंटल इनसीडेंट है यह फिल्म?

सिटी पोस्ट लाइवः 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एक फिल्म का ट्रेलर लांच हुआ है। फिल्म का नाम है ‘एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टिर’। फिल्म की कहानी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर आधारित है। फिल्म की पटकथा मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रहे संजय बारू की किताब से ली गयी है। जैसा कि ट्रेलर देखने से पता चलता है कि पूरी फिल्म मनमोहन सिंह का किरदार निभाने वाले अनुपम खेर और संजय बारू का किरदार निभाने वाले अक्षय खन्ना के ईद-गिर्द घूमती है। सिर्फ ट्रेलर ने हीं देश की राजनीति में भूचाल ला दिया है।

कांग्रेस ने इस फिल्म को अपने खिलाफ बीजेपी का दुष्प्रचार बताया है. कांग्रेस नेताओं ने कहा कि भाजपा का यह दुष्प्रचार काम नहीं करेगा और सच की जीत होगी.फिल्म से जुड़े भाजपा के एक ट्वीट के जवाब में कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘भाजपा का यह दुष्प्रचार हमें मोदी सरकार से ग्रामीण क्षेत्र की समस्याओं, बेरोजगारी, नोटबंदी का त्रासदी, जीएसटी को गलत ढंग से लागू करने, अर्थव्यवस्था की स्थिति और भ्रष्टाचार पर मोदी सरकार से सवाल करने से नहीं रोक सकता.’उधर, कांग्रेस के 134वें स्थापना दिवस कार्यक्रम के दौरान नई दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय जब पत्रकारों ने इस फिल्म के बारे में पूछा तो पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कोई टिप्पणी नहीं की.

दरअसल आसान भाषा में समझाने की कोशिश करें तो ट्रेलर देखने से जो लगता है वो यह कि फिल्म में वही दिखाने की कोशिश की गयी है जो मनमोहन सिंह की चुप्पी और प्रधानमंत्री रहते हुए सरकार में उनकी चलने और न चलने को फिल्माया गया है। मनमोहन सिंह की कम बोलने की उनकी आदत या स्वभाव के सीधेपन का अक्सर मजाक उड़ाया जाता रहा है। दरअसल उन पर लगने वाले आरोपों की वजह यह भी है कि उनके प्रधानमंत्री बनने की कहानी भी देश के लिए एक राजनीतिक अचंभा है। एक वक्त में जब लगा था कि सोनिया गांधी देश की प्रधानमंत्री बनंेगी तो उन्होंने मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बना दिया। इस वजह से लगातार यह आरोप लगते रहे कि भले हीं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे लेकिन सरकार तो सोनिया गांधी हीं चलाती थी। दरअसल फिल्म के पीछे विवाद की वजह भी यही है कि फिल्म के जरिए इन आरोपों पर मुहर लगाने की कोशिश की गयी है। फिल्म में अक्षय खन्ना संजय बारू की भूमिका में नजर आएंगे. जर्मन अभिनेत्री सुजैन बर्नर्ट सोनिया गांधी बनी हैं, जबकि अहाना कुमड़ा प्रियंका गांधी और अर्जुन माथुर राहुल गांधी के किरदार में नजर आएंगे.

गौरतलब है कि यह फिल्म 2019 के लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले 11 जनवरी को रिलीज होने वाली है. फिल्म में तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने के आरोप के साथ इस फिल्म पर विवाद पैदा हो गया है. सवाल है कि इस फिल्म में बीजेपी की क्या भूमिका है। दरअसल बीजेपी की जो शुरूआती भूमिका सामने आ रही है वो यह है कि भाजपा के आधिकारिक फेसबुक और ट्विटर एकाउंट से फिल्म के ट्रेलर को साझा किया गया है. इसके बाद से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की ओर से भाजपा पर निशाना साधा गया है. भाजपा की ओर से इसका बचाव करते हुए कहा गया है कि इन पार्टियों के लिए फिल्मों का प्रमोशन करना नया नहीं है.पार्टी ने राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल द्वारा पंजाब में नशे की समस्या पर आधारित फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ से जुड़े ट्वीट की याद दिलाई. उस वक्त भाजपा के सहयोगी अकाली दल की पंजाब में सरकार थी. 2019 से ठीक पहले जब इस फिल्म को लेकर बीजेपी में उत्साह दिखायी देने लगे और कांग्रेस में इस फिल्म से चुनावो में नुकसान का डर दिखायी देने लगे तो फिर यह सवाल बड़ा आम हो जाता है कि क्या यह फिल्म तीन राज्यों में हार के बाद बीजेपी का कांग्रेस के खिलाफ ब्रहमास्त्र है? क्या यह फिल्म एक एक्सीडेंटल इनसीडेंट है? या फिर 2019 से ठीक पहले इसके ट्रेलर और रिलीज की तारीख को महज संयोग माना जाना चाहिए।

और फिल्म के बारे में दिलचस्प यह भी कि फिल्म के निर्देशक विजय रत्नाकर गुट्टे हैं. यह उनकी पहली फिल्म है. बता दें कि बीते अगस्त महीने में विजय रत्नाकर गुट्टे को 34 करोड़ रुपये से ज्यादा की वस्तु एवं सेवा कर (जीसीटी) धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार किया गया था.गुट्टे चीनी कारोबार से जुड़े उद्योगपति रत्नाकर गुट्टे के बेटे हैं. रत्नाकर गुट्टे ने 2014 में महाराष्ट्र के परभणी जिले के गंगाखेड़ से भाजपा गठबंधन की तरफ से 2014 का विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उनकी हार हो गई थी.

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