सिटी पोस्ट लाईव ; अपने दोनों मंत्रालयों की चार साल की उपलब्धियों की जानकारी देने के लिए बुलाई गई प्रेस वार्ता में प्रसाद ने कहा कि देश में आधार की संख्या 121.46 करोड़ तक पहुंच चुकी है. अप्रैल 2018 तक आधार के लाभार्थियों को 3.88 लाख करोड़ रुपये वितरित किये जा चुके हैं. डीबीटी के जरिए किये गये इस भुगतान से सरकार ने करीब 93000 करोड़ रुपये की बचत की है. इससे पहले यह राशि कालाबाजारियों और बिचौलियों की जेब में जाती थी.आज की तारीख में जनधन के खाताधारकों को सब्सिडी और छात्रवृत्ति की राशि सीधे मिल रही है. उन्होंने बताया कि अब तक 59.15 करोड़ लोग 87.79 करोड़ बैंक खातों के साथ आधार को जोड़ चुके हैं. बैंक खातों के साथ आधार जुड़ने और लोगों तक सरकारी स्कीमों के लाभ सीधे खाते में पहुंचाने के इस्तेमाल में आधार का इतना विस्तार हो गया है कि अब इससे पीछे हटना सरकार के लिए संभव नहीं होगा.
केंद्रीय कानून, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद का मानना है कि देश की जनता ने आधार की प्रासंगिकता को स्वीकार कर लिया है.प्रसाद से जब सवाल पूछा गया कि आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है . खिलाफ में फैसला आता ही तब सरकार क्या करेगी ? कानून और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि सरकार के वकीलों ने अदालत में सुनवाई के दौरान अपना पक्ष बेहद मजबूती से रखा है. हालांकि आधार का दायरा इतना विस्तृत हो चुका है कि अब जनता भी इसकी प्रासंगिकता स्वीकार कर चुकी है.प्रसाद के बयान के आधार पर यह माना जा सकता है कि सरकार अब आधार से कदम पीछे खींचने को तैयार नहीं है. चूंकि आधार के जरिए कई तरह की सरकारी सेवाओं को जोड़ा जा चुका है और उसके सकारात्मक नतीजे भी देखने को मिल रहे हैं इसलिए इसकी वापसी अब संभव नहीं लगती.