शराबबंदी पर हुई 7 घंटे की मैराथन समीक्षा बैठक में, सीएम नीतीश ने लिए बेहद कड़े फैसले

City Post Live - Desk

सिटी पोस्ट लाइव : मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 7 घंटे तक मद्य निषेध के क्रियान्वयन से संबंधित उच्च स्तरीय मैराथन समीक्षा बैठक की. इस बैठक में सीएम नीतीश ने बेहद कड़े फैसले लिए हैं. 

1. शराबबंदी के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। जिन्हें जिम्मेदारी दी गई है वे पूरी मुस्तैदी एवं मनोयोग के साथ काम करें।

2. न राज्य में शराब आने देंगे और न किसी को शराब पीने देंगे इसी मानसिकता के साथ काम करें।

3. जो भी सरकारी अधिकारी, कर्मी गड़बड़ी करते हैं उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई करें।

4. शराब के धंधे एवं शराब के सेवन में लिप्त किसी भी व्यक्ति पर कठोरता के साथ कार्रवाई करें।

5. पटना राजधानी है यहां विशेष सतर्कता बरतें।

6. शराब सेवन से होने वाली हानि के बारे में लोगों को जागरुक करें। मद्य निषेध को लेकर गांधी जी के विचारों का व्यापक प्रचार-प्रसार करें।

7. वर्ष 2016 में डब्ल्यू०एच०ओ० ने एक सर्वे कराया था, जिसमें शराब के सेवन से होने वाली हानियों के संबंध में रिपोर्ट प्रकाशित की गयी थी, इसके बारे में भी लोगों को बतायें।

8. सतत् जीविकोपार्जन योजना के तहत लाभार्थियों की सही पहचान कर उन्हें इसका लाभ दिलाएं।

9. कॉल सेंटर में कॉल करने वाले लोगों की गोपनीयता बरकरार रखें और इसका बेहतर ढंग से क्रियान्वयन करें। शिकायतकर्ता की संतुष्टि और शिकायतों के निष्पादन के संबंध में पूरी तरह से एक्टिव रहें ।

10. बॉर्डर एरिया में शराब सप्लाई के रुट्स को चिन्हित कर लगातार छापेमारी करें।

11. ए०डी०जी० / आई०जी० / डी०आई०जी० स्तर के पदाधिकारी नियमित रूप से क्षेत्र भ्रमण करें और निचले स्तर तक क्रियान्वयन का जायजा लें।गृह विभाग तथा मद्य निषेध विभाग आंतरिक सतर्कता विंग की व्यवस्था करें ताकि विभागीय अधिकारियों/ कर्मियों पर भी नियमित नजर रखी जा सके।

12. 15 दिन में जिलाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक / पुलिस अधीक्षक, उत्पाद अधीक्षक एवं विशेष लोक अभियोजक एक बार साथ बैठक कर शराबबंदी के क्रियान्वयन के संबंध में समीक्षा करें। जिलों के प्रभारी मंत्री और प्रभारी सचिव महीने में एक बार

13. जिलों के विकास कार्यों की समीक्षा करने के साथ-साथ

14. शराबबंदी के क्रियान्वयन की भी समीक्षा करें।

15. सभी थानों में चौकीदारों पर विशेष नजर रखें और उन्हें गांव में गड़बड़ी करने वालों के संबंध में पूरी सूचना देने को कहें। जिन थाना प्रभारियों के कार्य में शिथिलता पायी गई हैं उन्हें 10 वर्षों तक थाना प्रभारी नहीं बनाए जाने का निर्णय लिया गया था, इस पर पूरी सख्ती से अमल करें।

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