2 अगस्त को बाम दलों का बिहार बंद, बढ़ते अपराध, महिला उत्पीडन है मुद्दा

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सिटी पोस्ट लाइव: बिहार में महिलाओं व दलित-गरीबों पर लगातार बढ़ते बर्बर किस्म हमले के खिलाफ वाम दलों ने आगामी 2 अगस्त को बिहार बंद की घोषणा की है. भाकपा-माले विधायक दल कार्यालय में आज वाम दलों की बैठक में इस पर सहमति बनी. बैठक में भाकपा-माले के राज्य सचिव का. कुणाल, पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेन्द्र झा, केडी यादव; सीपीआई के राज्य सचिव का. सत्यनारायण सिंह व रवीन्द्र नाथ राय; सीपीआई (एम) के राज्य सचिव मंडल सदस्य अरूण कुमार मिश्र, गणेश शंकर सिंह, सर्वोदय शर्मा; एसयूसीआई (सी) के सूर्यंकर जितेन्द्र व साधना मिश्रा तथा आरएसपी के वीरेन्द्र ठाकुर शामिल थे. बैठक की अध्यक्षता का. सत्यनारायण सिंह ने की.

बैठक के उपरांत संयुक्त बयान जारी करके वाम नेताओं ने कहा कि मुजफ्फरपुर रिमांड होम मामले में जिस बात की आशंका जाहिर की जा रही थी वह सच हो रही है. इस सांस्थानिक यौन उत्पीड़न के तार सत्ता के शीर्ष पर बैठे नेताओं तक पहुंच रहे हैं. अब तक समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा का नाम सामने आ चुका है. सारण जिले में एक स्कूली छात्रा के साथ 18 लोगों द्वारा सामूहिक बलात्कार की घटना भी जगजाहिर है. इस मामले में शिक्षक व सहपाठी ही बलात्कारी हैं. गया, जहानाबाद और पूरे बिहार में महिलाओं के यौन उत्पीड़न की बाढ़ सी आ गई है और बिहार आज महिला उत्पीड़न का केंद्र बनता जा रहा है.

ऐसी स्थिति में वाम दलों ने मंजू वर्मा की बर्खास्तगी, उनके पति चंद्रशेखर वर्मा की अविलंब गिरफ्तारी, टिस की रिपोर्ट सार्वजनिक करने तथा मुजफ्फरपुर रिमांड होम सहित बिहार के तमाम छात्रावासों, अल्पावासों व रिमांड होमों में घटित सांस्थानिक यौन उत्पीड़न की जांच सीआईडी की बजाए पटना उच्च न्यायालय के निर्देशन में सीबीआई से कराने की मांग पर 2 अगस्त को बिहार बंद की घोषणा की है.

बिहार बंद का दूसरा प्रमुख बिन्दु राज्य में दलित-गरीबों पर बढ़ता हमला है. पटना शहर के गर्दनीबाग से लेकर राज्य के विभिन्न इलाकों में बरसों से बसे दलित-गरीबों को उजाड़ा जा रहा है. मधुबनी के खुटौना में मांझी जाति के कई लोगों के घरों को ढाह दिया गया. मुजफ्फरपुर के सरैया में भूमि के सवाल पर ही दलित परिवार को उत्पीड़ित करने के उद्देश्य से 9 साल की लड़की के साथ बलात्कार किया गया व उसकी हत्या कर दी गई. खगड़िया में केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के गांव शहरपन्नी में मुसहर समुदाय पर हमला किया गया. सहरसा के महिषी में भी दलितों को निशाना बनाया गया. दूसरी ओर, शराबबंदी के काले काूननों के तहत डेढ़ लाख दलित-गरीबों को बिहार सरकार पहले से ही जेल में बंद किए हुए है. शराबबदंी के काले कानून भी दलितों-गरीबों पर कहर बनकर टूटे हैं.वाम दलों ने बिहार बंद के लिए लोकतांत्रिक-धर्मनिरपेक्ष दलों के साथ-साथ दलित अधिकार संगठनों व बिहार की सभी विपक्षी पार्टियों से सक्रिय समर्थन मांगा है.

 

कुमार परवेज, कार्यालय सचिव, भाकपा-माले, बिहार

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