सिटी पोस्ट लाइव : बिहार सरकार की चुनौतियां दिन प्रतिदिन बढती जा रही है. पहले सुखाड़ फिर कोरोना और अब कोरोना के बीच बाढ़ त्रासदी ने सरकार की कमर तोड़ दी है. 2020 में जारी विपत्तियों का दौर थमने का नाम नहीं ले रही. लोग हर तरफ त्राहिमाम हैं. एक तरफ कोरोना महामारी में बरोजगार हुए मजदूर काम और रोटी ढूंढने में लगा है. तो दूसरी तरफ बाढ़ त्रासदी का शिकार हुए लोग सुखी जमीन और खाना तलाशने में जुटे हैं. ऐसी परिस्थिति में सरकार क्या कर रही है इसपर बिहार नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लगातर सवाल उठा रहे हैं. आज उन्होंने फिर ट्वीट कर सीएम नीतीश पर तंज कसते हुए कहा कि 130 दिन हो गए हैं, लोग कोरोना और बाढ़ जैसी समस्यायों से लड़ रहे हैं. उनके लिए अब तो घर से निकालिए.
तेजस्वी यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा माननीय मुख्यमंत्री जी से हाथ जोड़कर ससम्मान विनम्र विनती है कि कृपया कोरोना और बाढ़ जैसे गंभीर परिदृश्य में अदृश्य ना रहे। 130 दिन हो गए है कृपया अब तो जनता के लिए घर से बाहर निकलिए। ऐसी सरकार और राजा का क्या फायदा जो मुसीबत के समय अपनी जनता को मरने के लिए भाग्य भरोसे छोड़ दे?
जाहिर है बिहार में पूर्ण लॉकडाउन लगाया गया है. लेकिन शायद बाढ़ इस लॉकडाउन का अर्थ नहीं समझाता. लोग भले कोरोना के डर से घरों में बंद होने को मजबूर हैं लेकिन भूख और बाढ़ उन्हें अपने घरों में रहने नहीं दे रही. ऊपर से सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं में उदासीनता को देखते हुए, अस्पताल कर्मचारी भी मोर्चा खोले हुए हैं. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विपक्ष घूम तो रही है लेकिन उन्हें मदद सिर्फ सरकार से ही मिल सकती है. हालांकि सत्ताधारी पार्टियों ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए अपने कार्यकर्ताओं को कहा है,. लेकिन उनकी मदद किस स्तर पर हो रही है. इस सवाल का जवाब सिर्फ पीड़ित ही सही तरीके से दे सकते हैं.