हज यात्रा पर जीएसटी वापस लेने की माग,हज कमिटी ने लगाया वादाखिलाफी का आरोप

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2018 में सबसे सस्ते हज का सफर का उनका दावा मुसलमानों को धोखा देने वाला वायदा साबित हुआ है. भारत में इकोनॉमी क्लास से यात्रा करने वालों को 5 प्रतिशत व बिजनेस क्लास के सफर करने वालों को जहा 12 प्रतिशत जीएसटी अदा करना पड़ता है वहीं हज यात्रा पर जीएसटी 18 प्रतिशत वसूल की जा रही है.

सिटीपोस्टलाईव: मंगलवार को पटना के हज भवन में हज कमेटी ऑफ इंडिया के चेयरमैन चौधरी महबूब अली कैसर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली से हज यात्रियों पर लगाए गए 18 प्रतिशत जीएसटी को खत्म करने की मांग की. उन्होंने अपनी मांग लिखित में पीएम और वित् मंत्री को भेंज दिया है.बिहार हज कमेटी के चेयरमैन इलियास हुसैन केन्द्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि 2018 में सबसे सस्ते हज का सफर का उनका दावा मुसलमानों को धोखा देने वाला वायदा साबित हुआ है. भारत में इकोनॉमी क्लास से यात्रा करने वालों को 5 प्रतिशत व बिजनेस क्लास के सफर करने वालों को जहा 12 प्रतिशत जीएसटी अदा करना पड़ता है वहीं हज यात्रा पर जीएसटी 18 प्रतिशत वसूल की जा रही है.

मंगलवार को बैठक कर 2018 में हज सफर पर बढ़े हुए किराए व लगाए गए 18 प्रतिशत जीएसटी पर चर्चा करते हुए कैसर ने कहा कि 2018 का सफर-ए-हज 12 जुलाई से शुरू हो जाएगा. हज सब्सिडी खत्म होने के बावजूद एयरलाइंस के टेंडर में आई भारी गिरावट के बावजूद इस बार हज सफर पर जाने वाले यात्रियों को पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 49 हजार रुपये ज्यादा अदा करना होगा. हालाकि इस बढ़े हुए बोझ पर कैसर ने कहा कि मक्का-ए-मदीना में किराए और रहने के किराए में बढ़ोतरी के कारण हज यात्रियों पर बोझ बढ़ा है.

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