पूर्व सांसदों को मिलता रहेगा आजीवन पेंशन और भत्ता : सुप्रीम कोर्ट

City Post Live - Desk

सिटीपोस्ट लाइव : उच्चतम न्यायालय ने सांसदों के वेतन एवं भत्तों के नियमन तथा पूर्व सांसदों के पेंशन समाप्त करने संबंधी याचिका आज खारिज कर दी. न्यायमूर्ति जस्ती चेलमेश्वर और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ ने लखनऊ के गैर-सरकारी संगठन ‘लोक प्रहरी’ की याचिका का निपटारा करते हुए कहा, “इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपील खारिज की जाती है.” याचिकाकर्ता ने सांसदों के वेतन, भत्ते एवं पेंशन कानून 1954 में संशोधन को निरस्त करने की गुहार लगायी थी. याचिकाकर्ता ने पूर्व सांसदों को पेंशन और सुविधाएं उपलब्ध कराये जाने के प्रावधानों को भी चुनौती दी थी. गैर सरकारी संगठन ‘लोक प्रहरी’ की ओर से कोर्ट में सांसदों को पेंशन और आजीवन रेलवे यात्रा आदि की सुविधा दिए जाने के विरोध में जनहित याचिका डाली गयी थी. 7 मार्च को सासंदों को आजीवन पेंशन और भत्ता देने के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट ने ये भी कहा कि दुनिया में किसी भी लोकतंत्र में ऐसा नहीं होता कि कोर्ट नीतिगत मुद्दों पर फैसला दे. ये मानते हैं कि ये आदर्श हालात नहीं है, लेकिन कोर्ट ऐसे फैसले नहीं कर सकता.

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