जगदानंद सिंह पितातुल्य, पूर्वे ने भी किया अच्छा काम: तेजप्रताप यादव.
सिटी पोस्ट लाइव : राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janta Dal) के वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) बुधवार को बिहार प्रदेश RJD की कमान संभालेंगे. वे रामचंद्र पूर्वे (Ramchandra Purvey) की जगह लेने जा रहे हैं. पांच बार लगातार आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष (RJD State President) पद रहे पूर्वे की जगह जगदानंद सिंह को कमान सौंपे जाने को लेकर कई तरह की चर्चाएँ राजनीतिक गलियारे में हो रही हैं.आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के बड़े पुत्र तेजप्रताप की पूर्वे से नाराजगी बताई जा रही है. पार्टी के वरिष्ठ नेता को कमान सौंपे जाने को तेजप्रताप यादव (Tejpratap Yadav) और लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) के बीच तनाव को कम करने के प्रयास के रूप में भी देखा जा रहा है. हालांकि अब इस मुद्दे को लेकर तेजप्रताप यादव ने बड़ा बयान दिया है.
लंबे अर्से बाद आरजेडी दफ्तर पहुंचे तेजप्रताप यादव ने कहा रामचंद्र पूर्वे जी हमारे अंकल हैं, उनसे मेरा कोई मतभेद नहीं. चाचा-भतीजा में भला कोई तल्खी होती है? इसका मतलब ये भी नहीं कि रामचन्द्र पूर्वे जी ने पार्टी के लिए कोई काम नहीं किया है, उन्होंने भी पार्टी को अच्छे तरह से संभाला है.तेजप्रताप यादव ने जगदानंद सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने पर कहा कि पार्टी में अगर कोई बदलाव हुआ है तो जाहिर है पार्टी को इससे फायदा ही पहुंचेगा. वे हमारे अभिभावक भी है साथ में एक मजबूत और जुझारू नेता भी हैं. तेजप्रताप यादव ने जगदानंद सिंह को पितातुल्य बताते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में पार्टी यकीनन और उचाईयों पर जाएगी.उन्होंने यह भी कहा कि 2020 में तेजस्वी को हस्तिनापुर की गद्दी पर बिठाना है इसके लिए जगदानंद सिंह जरूरी हैं. तेजस्वी और हमारे बीच कोई सत्ता संघर्ष नहीं है. जो लोग ये कहते हैं कि हम तेजस्वी से राजनीति में पिछड़ गए हैं, वो गलत बात बोलते हैं.
तेजप्रताप यादव ने सक्रिय राजनीति से अपनी दूरी के बारे में अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि दरअसल हम कोर्ट और केस के चक्करों में ऐसे फंसे हैं जिससे मेरे राजनीतिक जीवन पर असर पड़ा है, लेकिन 2020 से पहले हम लड़ाई के लिए तैयार हो जाएंगे.
गौरतलब है कि जगदानंद सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने का औपचारिक ऐलान 27 नवंबर को होगा. सूत्रों के अनुसार पूर्वे की मुखालफत तेजप्रताप यादव कर रहे थे इसी वजह से लालू यादव ने जगदानंद सिंह के हाथ में पार्टी की कमान सौंपने की कोशिश की. पार्टी में ये चर्चा भी हो रही है कि शिवचंद्र राम और आलोक मेहता भी अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार थे लेकिन लालू यादव ने उनके ऊपर भरोसा नहीं किया.पार्टी सूत्रों के अनुसार ये दोनों नेता उन नेताओं की सूची में हैं जो पार्टी छोड़ सकते हैं.