सुप्रीमकोर्ट में नहीं है लोकतंत्र : मंत्री.

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मोदी के मंत्री बोले- ऊपरी अदालतों में लोकतंत्र नहीं, दलित-पिछड़ों को मिले आरक्षण.

सिटीपोस्टलाईव : जब से  सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने खुद मीडिया के सामने आकर सुप्रीम कोर्ट की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे ,तभी से सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ माहौल बनाने की राजनीतिक कोशिश शुरू हो गई है .विपक्ष तो मुख्य न्यायधीश के खिलाफ महाभियोग की मांग तो कर ही रहा है साथ ही अब सरकार के मंत्री भी सुप्रीम कोर्ट पर ताबड़तोड़ हमले कर रहे हैं.मोदी सरकार के एक मंत्री ने पहले तो कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से दलितों का बहुत नुकशान हो रहा है और अब कह रहे हैं कि उपरी  अदालतों में लोकतंत्र ही नहीं है .भारत सरकार के मानव संसाधन राज्यमंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने दलित उत्पीडन और आरक्षण को लेकर चल रही बहस के बीच उपरी अदालतों के लोकतंत्र पर ही सवाल खड़ा कर दिया है .

कुशवाहा ने उपरी अदालतों में आरक्षण की मांग करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में  दलित आदिवासी और पिछड़े वर्ग का प्रतिनिधित्व  नहीं के बराबर है और इसीलिए अदालतों के फैसले  दलित विरोधी   हो रहे हैं. उपेंद्र कुशवाहा ने  सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति में आरक्षण नीति को लागू किये जाने की मांग करते हुए कहा कि  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति में आरक्षण लागू करने की कोशिश की थी मगर सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने इसे सिरे से खारिज कर दिया.

गौरतलब है कि जब से  सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने खुद मीडिया के सामने आकर सुप्रीम कोर्ट की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे ,तभी से सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ माहौल बनाने की राजनीतिक कोशिश शुरू हो गई है .

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