सिटी पोस्ट LIVE – बिहार विधान परिषद स्थानीय निकाय चुनाव से जीत कर आए एमएलसी काफी उत्साहित है। शपथ लेने के बाद आरजेडी और जेडीयू के नेता अपने-अपने दल के नेताओं को मजबूत बता रहे हैं। जेडीयू के नेता कहते हैं कि यह जीत नीतीश कुमार के विकास के कार्यों की वजह से हुई है। तो वही, आरजेडी के नेता कहते हैं एमएलसी चुनाव ने संकेत दे दिया है कि बदलाव होने वाला है।
बातचीत के दाैरान नालन्दा से जीतकर आई रीना यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विकास पुरुष कहलाते हैं। नीतीश कुमार ने जो विकास की धारा बहाई है, उस सब के घर तक गई है। हर घर तक पेयजल, सड़क, बिजली की व्यवस्था करके जो नीतीश कुमार ने कार्य किया है। इस विकास को देखकर ही नालंदा के लोगों ने हमें यहां भेजा है। काम के बदले हमें वोट दिया है। नालंदा में तो स्थिति ऐसी थी कि आरजेडी तीसरे नंबर पर चली गई थी। हम लोग हमने बहुमत के साथ चुनाव जीता है। यह चुनाव अलग होता है।
पश्चिम चंपारण से आरजेडी से एमएलसी बनकर आए इंजीनियर सौरभ कहते हैं कि नीतीश कुमार की सोशल इंजीनियरिंग पूरी तरह से फेल है। शराबबंदी को लेकर उन्होंने जो प्रयोग किया था वह पूरी तरह से विफल है। इसमें कौन सी इंजीनियरिंग कर रहे हैं। यह समझ में नहीं आ रहा है। शराबबंदी यदि बंद करना है तो पूर्णता कड़ाई के साथ करें। हम लोग भी समर्थन कर रहे हैं।
सौरभ बोले- मैं एनडीए के गढ़ से आया हूं। वहां एनडीए के 8-8 विधायक हैं। वहां बीजेपी जेडीयू के विधायक और सांसद हैं, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी वहीं से हैं। डिप्टी सीएम भी वहीं से हैं। वहां से मैं जीत कर आया हूं। वहां जेडीयू तीसरे नंबर पर चली जा रही है। चंपारण मोतिहारी में भाजपा तीसरे नंबर चली गई। यह कौन सी सोशल इंजीनियरिंग है। यह समझ में नहीं आता है।
अब पब्लिक को बदलाव चाहिए और यह बदलाव का एक संकेत है। हम मत भी देखेंगे तो 50% मत लाए हैं और पिछले विधानसभा चुनाव में मात्र 12000 वोट से हमारी सरकार नहीं बनी है। बीजेपी का 13 सीट से 7 सीट हो जाना। जेडीयू का भी सीट कम हो गया।
इसका असर है कि बोचहां में आरजेडी पूर्ण बहुमत के साथ जीतेगा। इस पर रीना यादव कहती हैं कि विपक्ष के नेता जो है वह कैमरे के सामने सवाल उठा रहे हैं लेकिन, वह जानते हैं कि नीतीश कुमार की सोशल इंजीनियरिंग सफल है। विपक्ष के जितने भी लोग हैं वह नीतीश कुमार के विकास की योजनाओं की तारीफ करते हैं। लेकिन पार्टी प्रतिबद्धता की वजह से कैमरे के सामने इस तरह की बोलते हैं। पीठ पीछे वह तारीफ करते हैं। एक कहावत है सब कुछ मानेंगे लेकिन खूंटा वही गाड़ेंगे।