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कुछ ऐसा है भारत-नेपाल को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग, जान हथेली पर रख करते हैं सफ़र

उद्धार की बाट जोहता भारत-नेपाल राष्ट्रीय राजमार्ग

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सिटी पोस्ट लाइव : राष्ट्रीय राजमार्ग-105 अब मौत वाली सड़क बन चुकी है, क्योंकि आज भी इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर बड़े-बड़े गढों के अलावा कुछ भी नही बचा है। यूं तो हर साल ही बारिश होती है, ओर हर साल ही मधुबनी जिले की कई सड़क गढ़े में तब्दील होने लगते हैं। पर इस बार तो मानसून आया भी नही है, ओर सड़कें झील में तब्दील होने शुरू हो गयी हैं। मामला मधुबनी जिले के जयनगर का है। जहाँ एनएच-105 का हाल इतनी खास्ता हो चुकी है, की कई वाहन दुघर्टनाग्रस्त होते रहते हैं। सड़क का तो फिर भी बुरा हाल रहता है, ओर ये राष्ट्रीय राजमार्ग है। जो पिछले कई वर्षों से एनएच तो छोड़िए गाँव के सड़कों से भी बुरा हाल बना हुआ है।

अभी कुछ महीनों पहले ही इस राष्ट्रीय राजमार्ग को दुबारा बनाया जा रहा है, पर ये कई वर्षों से उपेक्षित ही है। जिस कारण से इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर छोटे-बड़े सभी तरह के वाहन आओए दिन दुघर्टनाग्रस्त होने की आशंका रहती है। न ही सांसद और न ही विधायक कोई भी इसकी सुध लेने वाला है। उस राष्ट्रीय राजमार्ग पर अभी से ही बड़े-बड़े गढ़े बनते जा रहे हैं, पता नही बारिश के मौसम में क्या हाल रहेगा।

संबंधित अधिकारियों से संपर्क करने पर उनके अधिकारियों ने बताया कि अभी सड़क निर्माणधीन ही है, जल्द ही सड़क को दुरुस्त कर दिया जाएगा। लॉक डाउन के कारण काम बंद था, अब जल्द ही इसको पूरा कर दिया जाएगा।  लेकिन बहाने के नाम पर ये खानापूर्ति कब तक? विदित हो कि लाखों-करोड़ों रुपये का टेंडर होता है, बावजूद इसके इस राष्ट्रीय राजमार्ग की हालत हमेशा से ही खास्ता रहती है। क्या ये जांच का विषय नही है? क्यों कोई जन-प्रतिनिधि इसकी सुध नही लेता है।

बरहाल जो भी हो पर हर कोई अपना पल्ला झाड़ कर डेमेज कंट्रोल में लगे हुए हैं।ज्ञात हो कि शहर से बाहर जाने का एक मुख्य मार्ग है ये, बावजूद इसके इस रास्ते को तय करने में जान सांसत में आ जाती है। आये दिन वाहन इन बड़े-बड़े गढों में फंसते रहते हैं, कभी-कभी तो पलटने हैं तो कभी पलटने से बच जाते हैं। पर विभाग की उदासीनता दूर नही होती दिखाई दे रही है। वहीं, इस बाबत खजौली विधायक सीताराम यादव ने बताया कि जल्द ही इस राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

बात दें कि पूर्व में कई बार इस राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण और खास्ता हो चुके हालात को लेकर एनएच को जाम कर चुके हैं लोग, हर बार आस्वाशन मिलता है पर काम खत्म ही नही होता है इस राष्ट्रीय राजमार्ग का। या यूं कहें कि शुरू तो होता है पर खत्म करने का समय आज तक नही आ रहा है। सबसे जरूरी बात की ये एक प्रमुख सड़क है जो भारत-नेपाल को जटहि बॉर्डर पर जोड़ती है। बावजूद इसके ये एनएच आज तक उपेक्षा का शिकार बना हुआ है, ओर इसपर चलने वाले लोग जान हथेली पर लेकर सफर करते हैं। अब भगवान ही मालिक है इस राष्ट्रीय राजमार्ग-105 का।

मधुबनी से सुमित कुमार की रिपोर्ट

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