बिहार में राज्य स्वास्थ्य सेवा से स्वीकृत 8552 नियमित डॉक्टरों में से 5720 पद खाली हैं और नियमित बहाली नहीं होने से 3880 पदों पर कांट्रैक्ट डॉक्टरों से काम चल रहा है.
सिटी पोस्ट लाइव : नरेंद्र मोदी सरकार की आयुष्मान भारत योजना की आज रविवार (23) सितंबर से शुरुवात हो रही है. इस योजना में पांच लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा लोगों को दिया जाएगा. इस योजना के तहत तकरीबन 10 करोड़ परिवारों का 5 लाख रुपये सालाना का स्वास्थ्य बीमा कराया जायेगा. इस योजना का लाभ सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़ी जातियों को मिलेगा.
नेशनल हेल्थ एजेंसी (एनएचए) ने इसी को लेकर एक वेबसाइट और हेल्पलाइन नंबर लॉन्च किया है.इन दोनों चीजों की मदद से आप जान सकते हैं कि आपका नाम सरकार की इस योजना का अंतिम सूची में है या नहीं लेकिन बिहार की बात करें तो यहां इस योजना के पहले ही सवाल उठने लगे हैं कि बिन डॉक्टर बिहार में ‘आयुष्मान’ भव: कैसे सफल होगी. 1000 पर 1 डॉक्टर के पैमाने के मुकाबले बिहार में 28,391 लोगों पर 1 डॉक्टर हैं.बिहार में सिर्फ 6712 डॉक्टर के भरोसे सूबे के 10 करोड़ लोगों की चिकित्सा व्यवस्था है.नेशनल हेल्थ मिशन के तहत बिहार में मात्र 16 फीसदी पदों पर ही डॉक्टर इस योजना के तहत उपलब्ध हैं.डॉक्टर के स्वीकृत कुल 1357 पद में से मात्र 195 डॉक्टर ही काम कर रहे हैं. एपीएचसी के लिए 534 मेडिकल अफसर में से मात्र 81 बहाल हो पाए हैं. जबकि फुल टाइम मेडिकल अफसर में 81 स्वीकृत पद में से सिर्फ 24 की नियुक्त हैं.
पार्ट टाइम अफसर के लिए 81 स्वीकृत पद में से केवल 5 की ही नियुक्ति हो सकी है.राज्य स्वास्थ्य सेवा से स्वीकृत 8552 नियमित डॉक्टरों में से 5720 पद खाली हैं. नियमित बहाली नहीं होने से 3880 पदों पर कांट्रैक्ट डॉक्टरों से काम चल रहा है.नियमित और कांट्रेक्ट को मिलाकर 6712 डॉक्टर के भरोसे सूबे के 10 करोड़ लोग हैं.6712 डॉक्टरों के भरोसे बिहार के 36 जिला अस्पताल, 44 अनुमंडल अस्पताल, 70 रेफरल अस्पताल, 533 पीएचसी और 1350 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हैं.आयुष्मान योजना के तहत हर प्रखंड में एक स्वास्थ्य उपकेंद्र बनेगा वेलनेस सेंटर लेकिन बिना डॉक्टर के हेल्थ वेलनेस सेंटर पर कैसे होगा मरीजों का इलाज, ये सबसे बड़ा सवाल है.