सिटी पोस्ट लाइव : 7 सितम्बर की सुबह 10:30 बजे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल, विभिन्न राज्यों के राज्यपाल और विश्वविद्यालय के कुलपतियों के साथ, वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिये जुड़ कर नई शिक्षा नीति पर विचार-विमर्श किया. यह सम्मलेन विद्यार्थियों को शिक्षा से सम्बंधित सुविधा देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया. सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने सम्मलेन में कहा कि “यह शिक्षा नीति भारत के सामाजिक और आर्थिक पक्ष को नयी दिशा देने के साथ – साथ पढ़ाई के पुराने तरीकों को बदलेगी.
ये भारत के संकल्प और सामर्थ्य को भी आकार देने वाली है. प्रधानमंत्री ने सम्मेलन में शिक्षा को आधुनिक तरीके से करने की बात कही है. जैसा की आज पूरे विश्व में रोजगार प्रणाली बदल रही है और विद्यार्थी अपने कौशल और भविष्य में अपने मनपसंद रोजगार पाने के अनुसार ही किसी भी विषय का चयन करते है. प्रधानमंत्री जी ने इस विषय में भी चर्चा किया और नयी शिक्षा नीति, भाषा,लर्निंग आउटकम और शिक्षकों की ट्रेनिंग पर भी ध्यान देगी.
खबर यह भी है कि, नरेन्द्र मोदी जी ने यह भी कहा कि सरकार ने नई शिक्षा निति पर मेहनत और मजबूती से काम किया है तथा इस नीति का उद्देश्य विद्यार्थियों को सशक्त बनाने के साथ – साथ उन्हें बोर्ड एग्जाम और बैग के बोझ से भी मुक्ति दिलाएगी. भारत डिजिटल इंडिया की तरफ बढ़ रहा है और तकनीक का विस्तार गाँवों में भी बढ़ रहा है जिसके कारण गाँव के लोग भी किसी सूचना से वंचित नहीं हैं. यह नीति प्रधानमंत्री जी के द्वारा देशभर में दिए गए सन्देश लोगों को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने पर भी कार्यकारी होगा| नयी शिक्षा नीति पूरे देश की नीति है और यह विद्यालय तथा उच्च शिक्षा स्तर दोनों में सुधार करने के लिए लागू किया गया है.
प्रीति दयाल की रिपोर्ट