सिटी पोस्ट लाइव : नेपाल ने उस भारतीय नागरिक को छोड़ दिया है, जिसे उसने शुक्रवार को भारत-नेपाल सीमा पर फायरिंग की घटना के दौरान हिरासत में ले लिया था. भारतीय नागरिक राम लगन राय को फायरिंग की घटना के बाद शुक्रवार सुबह नेपाल पुलिस ने पकड़ लिया था. राम लगन राय को शनिवार तड़के रिहा कर दिया गया. असल में, भारत-नेपाल के बीच जारी तनाव के दौरान शुक्रवार को सीमा पर फायरिंग हुई थी, जिसमें एक शख्स की मौत हो गई थी, जबकि चार लोग घायल हो गए थे. इस घटना पर बिहार के सीतामढ़ी के पुलिस अधीक्षक ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. रिपोर्ट के मुताबिक, नेपाल के सुरक्षा बलों ने लगन राय नाम के व्यक्ति को हिरासत में लिया था.ये घटना बिहार में भारत-नेपाल सीमा के पास सीतामढ़ी के सोनबरसा थाना क्षेत्र की पिपरा परसाइन पंचायत में लालबन्दी स्थित जानकी नगर बॉर्डर की है.
भारत के दवाब और 55 वर्षीय लगन किशोर राय के बुलंद हौसले के आगे आखिरकार नेपाल सरकार को भारत के आगे झुकना ही पड़ा है. करीब 21 घंटे बाद नेपाली सेना ने कैद में लिए सिविलियन लगन किशोर को रिहा कर दिया. सोनबरसा के बीडीओ और थानाध्यक्ष ने कागजी प्रक्रिया के बाद आज सुबह करीब 4 बजे लगन को लेकर अधिकारी उसके घर पहुँचे है. इस दौरान लगन के शरीर पर जख्म के निशान नेपाल की बर्बरता को बखूबी दर्शा रहा था. भले ही लगन नेपाली सेना की पिटाई से लड़खड़ा रहा था, लेकिन उसके हौसले बुलंद थे, तभी तो इतनी सारी बर्बरता पूर्ण यातनाओं के बाद भी 55 वर्षीय लगन का मनोबल न टूटा और नेपाल सरकार के गलत बातों का उसी की धरती पर वह अकेला ही विरोध करता रहा.
लगन ने बताया कि नेपाली सेना उसे बॉर्डर से उठाकर जबरन ले गई थी. जिसके बाद उसपर स्वीकृति बयान के लिए नेपाल में घुसने का दवाब बनाया जा रहा था. जिस दौरान नेपाल सरकार ने लगन पर अपने सारे हतकंडे अपना लिए लेकिन तब भी बात न बनी तो अहले सुबह उसे कागजी प्रक्रिया के माध्यम से रिहा कर दिया गया.