बिहार के बाद अब राजस्थान में शराबबंदी की तैयारी, अध्ययन करने बिहार आ रही टीम.
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार की तर्ज पर राजस्थान में भी शराबबंदी कानून लागू करने की तैयारी चल रही है. राजस्थान सरकार ने (Rajasthan Government) बिहार (Bihar) में शराबबंदी कानून के अध्यन करने के लिए समिति का गठन कर दिया है.बिहार में लागू शराबबंदी नीति और इसके विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करने के लिए गठित 5 सदस्यों की उच्च स्तरीय समिति बुधवार को राजस्थान से बिहार के लिए रवाना होगी. इस बीच राज्य में शराबबंदी की मांग को लेकर जन आंदोलन चला रही पूनम छाबड़ा ने राज्य सरकार के इस कदम का स्वागत किया है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि समिति राज्य में भी शराबबंदी को लेकर कुछ सकारात्मक सिफारिश अपनी रपट में करेगी.
आबकारी नीति के प्रावधानों के तहत शराबबंदी की मांग से जुड़े व्यावहारिक पहलुओं को लेकर अक्टूबर महीने में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ विभागीय समीक्षा हुई थी. उसके बाद इस तरह की समिति गठित करने का फैसला किया गया है. प्रदेश के आबकारी आयुक्त विष्णु चरण मलिक के अनुसार इस बारे में गठित पांच सदस्यीय समिति बिहार के अध्ययन दौरे पर जा रही है. समिति वहां लागू शराबबंदी नीति और इसके विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करेगी और उसके सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं के बारे में विस्तृत रपट उन्हें सौंपेगी.
राजस्थान सरकार ने बिहार में लागू शराबबंदी नीति का अध्ययन करवाने का फैसले के बाद अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय समिति गठन किया गया है. इसमें अतिरिक्त आबकारी आयुक्त सीआर देवासी, उदयपुर के आबकारी अधिकारी राजेंद्र पारीक, बाड़मेर के जिला आबकारी अधिकारी संजय सिंह, जोधपुर के सहायक आबकारी अधिकारी गजेंद्र सिंह राजपुरोहित और आबू रोड के आबकारी निरीक्षक ईश्वर सिंह चौहान सदस्य हैं.
राज्य के राजस्व में आबकारी से मिलने वाली आय का बड़ा हिस्सा है. वित्त वर्ष 2019-20 में इस मद से 10,500 करोड़ रुपए के राजस्व का लक्ष्य रखा गया है और मलिक के अनुसार नवंबर माह तक 5500 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व इस मद में मिल चुका है.लेकिन जनहित में राजस्थान सरकार बिहार की तर्ज पर शराबबंदी कानून लागू करना चाहती है.