भारत के पहले लोकपाल बने जस्टिस पिनाकी घोष, राष्ट्रपति कोविंद ने दिलाई शपथ
सिटी पोस्ट लाइव : भारतीय लोकतंत्र में आज एक नया अध्याय जुड़ गया है. जस्टिस पिनाकी घोष ने शनिवार यानी आज देश के पहले लोकपाल की शपथ ग्रहण की. राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पिनाकी घोष को संविधान की रक्षा की शपथ दिलाई. आपको बता दें न्यायिक सदस्यों के साथ ही कमेटी में 4 अन्य सदस्यों के तौर पर दिनेश कुमार जैन, अर्चना रामसुंदरम, महेंद्र सिंह और डॉक्टर इंद्रजीत प्रसाद गौतम भी शामिल किए गए हैं. इन नियुक्तियों की सिफारिश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत चयन समिति ने की थी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उसे मंजूरी दी थी.
जानकारी के मुताबिक इसी हफ्ते राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष को देश का पहला लोकपाल नियुक्त किया था. आधिकारिक आदेश के मुताबिक, सशस्त्र सीमाबल (एसएसबी) की पूर्व प्रमुख अर्चना रामसुंदरम, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्य सचिव दिनेश कुमार जैन, महेंद्र सिंह और इंद्रजीत प्रसाद गौतम को लोकपाल के गैर न्यायिक सदस्य नियुक्त किया गया है.
Delhi: Justice Pinaki Chandra Ghose with PM Narendra Modi, President Ram Nath Kovind, Vice-President M Venkaiah Naidu and Chief Justice of India Ranjan Gogoi after taking oath as the first Lokpal of India pic.twitter.com/f5BeIaVmYq
— ANI (@ANI) March 23, 2019
घोष ने कलकत्ता के सेंट जेवियर्स कॉलेज से पढ़ाई की शुरुआत की. यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता से कॉमर्स में स्नातक किया. इसके बाद LLB की. घोष का जन्म 28 मई, 1952 को कलकत्ता. उनके पिता शंभू चंद्र घोष भी पूर्व मुख्य न्यायाधीश थे. कलकत्ता और आंध्रप्रदेश के बाद 8 मार्च 2013 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बने| 27 मई 2017 को घोष रिटायर हुए.
घोष सुप्रीम कोर्ट के जज रह चुके| इसके आलावा वो कलकत्ता हाईकोर्ट में जस्टिस भी रह चुके है. इससे पहले घोष आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य जस्टिस भी थे. नयनाधीश पिनाकी चंद्र घोष इस समय राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य भी है और उन्हें मानवाधिकार कानूनों के जानकार के तौर पर जाना जाता है.