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अप्रवासी मजदूरों पर फूटा DTO का गुस्सा, रोटियां मांगने पर डंडे से पिटाई

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अप्रवासी मजदूरों पर फूटा DTO का गुस्सा, रोटियां मांगने पर डंडे से पिटाई

सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना संक्रमण के डर से देश के कोने कोने से बिहार पहुंचे लोगों को सरकार संभाल नहीं पा रही है. कई जगहों पर उनके साथ मारपीट और अभद्र व्यवहार किये जाने की खबरें आ रही हैं.बिहार के औरंगाबाद (Aurangabad) में लोगों की पिटाई किये जाने का मामला सामने आया है. कोरोना की वजह से दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों से पैदल चलकर अपने गृह जिले पहुंचने वाले अप्रवासी मजदूरों पर डीटीओ (DTO) यानि जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा  जुल्म किये जाने,गंदी-गंदी गालियां देने और उनकी पिटाई किये जाने का मामला सामने आया है.

बिहार और उत्तर प्रदेश की सीमा पर कैमूर में फंसे सैकड़ों अप्रवासी मजदूरों को औरंगाबाद जिला प्रशासन ने यहां तक तो जरूर ले आया मगर गेट स्कूल में बनाये गये आइसोलेशन केन्द्र पर इन थके हारे और भूखे मजदूरों के लिये किसी भी तरह की कोई भी व्यवस्था नहीं की गई थी. जबकि जिला प्रशासन की तरफ से रेडक्राॅस को इसकी जिम्मेवारी दी गई थी.डीटीओ से जब बेबस, भूखे-प्यासे मजदूरों ने खाने को रोटी मांगी तो डीटीओ को गुस्सा आ गया और उन्होंने आव न देखा ताव उन मजदूरों को पहले तो जमकर भद्दी-भद्दी गालियां दी और फिर उन गरीब मजलूमों पर लात घुंसों की बरसात भी करने लगे.

मजदूर परेशान और लाचार हैं. इन्हें  मदद की सख्त दरकार है मगर अधिकारी होने की हनक के आगे डीटीओ साहब को रोटी मांगना नागवार गुजरा.डीटीओ अनिल कुमार सिन्हा की इस संवेदनहीन कार्यशैली के बारे में जब उनसे बात की गई तब उन्होंने मार पिटाई और गाली गलौज जैसी किसी भी घटना से साफ इनकार किया और कहा कि रेडक्राॅस के माध्यम से भोजन पानी की व्यवस्था की गई थी जिसे उन मजदूरों तक पहुंचा दिया गया है. तस्वीरें कभी झूठ नहीं बोलती.जो तस्वीरें सामने आई हैं उससे साफ़ है कि डीटीओ ने उन मजदूरों के साथ गलत किया है जिन्हें संकट के इस समय में सहायता के मरहम की सख्त जरूरत थी.

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