सिटी पोस्ट लाइव : इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भारत को पहली जीत दिलाने वाले पूर्व क्रिकेट कप्तान अजीत वाडेकर का लंबी बीमारी के बाद मुंबई में बुधवार को निधन हो गया. वह 77 वर्ष के थे. उनके परिवार में पत्नी रेखा के अलावा दो बेटे और एक बेटी है. वाडेकर ने दक्षिण मुंबई के जसलोक अस्पताल में अंतिम सांस ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाडेकर को महान बल्लेबाज, शानदार कप्तान और प्रभावी क्रिकेट प्रशासक बताते हुए उनके निधन पर शोक जताया है.
1966 में क्रिकेट जगत में कदम रखने वाले अजीत वाडेकर ने अपनी काबिलियत का लोहा उसी साल मनवा दिया था जिस साल उन्होंने अपनी कप्तानी में टीम इंडिया को इंग्लैंड में पहली टेस्ट सीरीज जीत से दो-चार कराया था. और, सिर्फ इंग्लैंड ही क्यों वेस्टइंडीज में भी टेस्ट सीरीज जिताया था. वाडेकर ने ये करिश्मा साल 1971 में किया. अजीत वाडेकर ने 1966 से 1974 तक भारत के लिए क्रिकेट खेला. वो किस कैलिबर के क्रिकेटर थे इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब 77 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कहा तो उनके निधन पर वर्ल्ड क्रिकेट के साथ साथ भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने भी शोक जताया है. प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा – “अजित वाडेकर को भारतीय क्रिकेट में उनके महान योगदान के लिए याद किया जाएगा. महान बल्लेबाज और शानदार कप्तान जिन्होंने हमारी टीम को क्रिकेट के इतिहास की कुछ सबसे यादगार जीत दिलाई. वह प्रभावी क्रिकेट प्रशासक भी थे. उनके जाने का दुख है”
वाडेकर का इंटरनेशनल करियर आठ वर्ष का रहा. वे भारतीय क्रिकेट टीम के एकमात्र ऐसे कप्तान थे, जिन्होंने लगातार तीन सीरीज में टीम को जीत दिलाई, इनमें इंग्लैंड और वेस्टइंडीज की धरती पर भारत की जीत शामिल है. अजीत लक्ष्मण वाडेकर ने 37 टेस्ट मैच खेलकर 31.07 की औसत से 2113 रन बनाए. अपना एकमात्र शतक उन्होंने 1967-68 में न्यूजीलैंड के विरुद्ध (143 रन) लगाया था. वाडेकर अपने टेस्ट करियर के दौरान चार बार 90 या अधिक रन बनाकर आउट हुए. अजीत भारतीय वनडे क्रिकेट टीम के पहले कप्तान थे. हालांकि उनका वनडे इंटरनेशनल करियर केवल दो मैच का ही रहा. दो वनडे मैचों में उन्होंने 36.50 के औसत से 73 रन बनाए जिसमें 67 रन का सर्वोच्च स्कोर शामिल है