सैटेलाइट तस्‍वीर से खुलासा, भारत पर हवाई हमले की तैयारी में है चीन

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव : भारत और चीन के बीच कभीभी युद्ध छिड़ सकता है. लद्दाख में जारी सैन्‍य तनाव के बीच चल रही वार्ता के बीच चीन भारत पर हवाई हमले की योजना बना रहा है. एक तरफ चीन पैंगोंग सो झील और देपसांग से हटने का नाम नहीं ले रहा है, वहीं दूसरी ओर ड्रैगन उत्‍तर भारत से सटे अपने इलाकों में हवाई ताकत को लगातार मजबूत करने में जुट गया है. चीन ने अपने भारत से लगे हवाई ठिकानों पर परमाणु बम गिराने में सक्षम विमानों से लेकर हमलावर ड्रोन विमान तक तैनात कर दिए हैं. यही नहीं चीन नए एयरबेस भी बना रहा है.

ओपन सोर्स इंटेलिजेंस एनॉलिस्ट Detresfa की ओर से जारी सैटलाइट तस्‍वीर में साफ नजर आ रहा है कि चीन भारत से सटे अपने 13 एयरबेस को लगातार अपग्रेड करने में जुटा हुआ है. चीन के ये एयरबेस भारत के लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक के भारतीय इलाकों से सटे हुए हैं. चीन ने लद्दाख से सटे अपने काशी एयरबेस पर जे 11,जेएच7 और ड्रोन विमानों को तैनात कर रखा है. वहीं होटान एयरबेस पर चीन ने जे11, जे 7, अवाक्‍स और ड्रोन विमानों को तैनात किया है. नागरी बेस पर चीन के जे11 और ड्रोन विमान तैनात हैं.

चीन तशकुर्गान और केरिया में दो और एयरबेस बना रहा है. इसी तरह से चीन भारत के पूर्वोत्‍तर से सटे अपने इलाके में स्थित हवाई ठिकानों को न केवल लगातार अपग्रेड कर रहा है, बल्कि नए एयरबेस भी बनाने में लगा हुआ है. चीन ने सिक्कित और अरुणाचल की सीमा के पास स्थित शागिस्ते  हवाई अड्डे पर जेएच 7 बमवर्षक विमान और जे11/10, अवाक्‍स और ड्रोन विमान तैनात किए हैं. इसी तरह से गोनग्‍गर और गोलमुड हवाई ठिकानों पर लड़ाकू विमान तैनात कर रखे हैं.

चीन कम से कम एक नया बेस बना रहा है और तीन एयरबेस को मॉर्डन सुविधाओं से लैस कर रहा है.गौरतलब है कि अत्याधिक ऊंचाई पर स्थित होने के कारण चीन इस इलाके में हवाई शक्ति के मामले में भारत से कमजोर है. जबकि भारतीय एयरबेस निचले क्षेत्र में हैं जहां से वे अपनी पूरी क्षमता के साथ चीन के खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं. बेलफर सेंटर के मार्च में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, भारत के पास लगभग 270 लड़ाकू विमान और 68 ग्राउंड अटैक फाइटर जेट हैं. भारत ने पिछले कुछ दशकों में चीन से लगी सीमा पर कई हवाई पट्टियों का निर्माण किया है जहां से ये फाइटर जेट आसानी से उड़ान भर सकते हैं.

विशेषज्ञों का कहना है कि कश्‍मीर और लेह के आसपास चीन की बढ़ती हवाई हमले की तैयारी यह बताती है कि ड्रैगन पूरे नॉर्थ इंडिया पर अपना हवाई प्रभुत्‍व स्‍थापित करना चाहता है. साथ ही यह भी दर्शाता है कि चीन और पाकिस्‍तान की एयरफोर्स में भारत के खिलाफ गठजोड़ हो गया है.चीन अब पूर्वोत्‍तर भारत में ड्रोन ठिकाने तैयार कर रहा है. इसके जवाब में भारत को सैन्‍य ठिकानों को और ज्‍यादा मजबूत करना होगा ताकि चीन की चुनौती का जवाब दिया जा सके. दरअसल, यहां पाकिस्‍तान के नहीं होने की वजह से चीन अपना खुद का नेटवर्क तैयार कर रहा है.

शेनयांग जे 11 फाइटर प्लेन की रेंज 3530 किलोमीटर है जो 2500 किमी प्रतिं घंटे की अधिकतम रफ्तार से उड़ान भर सकता है. वर्तमान समय में चीन के पास इस प्लेन के 250 से ज्यादा यूनिट मौजूद हैं. यह प्लेन रूस की एसयू 27 एसके का लाइसेंस वर्जन है. यह प्लेन हवाई क्षेत्र की रक्षा और जमीन पर हमला करने के मामले में सक्षम है. इस प्लेन में 30 मिलीमीटर की एक कैनन भी लगी हुई है. जबकि इसके 10 हार्ड प्वॉइंट पर कई तरह की मिसाइलें लगाई जा सकती हैं.

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