सिटी पोस्ट लाइव : राफेल डील पर अनिल अंबानी ग्रुप ने दी सफाई,सभी आरोपों को बताया झूठा. राफेल लड़ाकू जेट विमान सौदे को लेकर राजनीतिक सियासत में भूचाल आया हुआ है. विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को सरकार पर हमले करने का हथियार बना लिया है. वह इस मुद्दे को लेकर लगातार मोदी सरकार पर हमला कर रहें हैं. वहीँ रिलायंस डिफेंस कंपनी ने कंपनी ने उन सभी आरोपों को बेबिुनयाद और निराधार बताया है जिसमें अनुभवहीन ओर थोड़े समय पहले स्थापित हुई कंपनी होने के बावजूद ठेके मिलने जैसे आरोप लगाए गए हैं.
रिलायंस डिफेंस लिमिटेड के सीईओ राजेश धींगरा ने कहा कि, 36 राफेल फाइटर जेट्स सप्लाई करने वाली कंपनी डसॉल्ट ने रिलायंस डिफेंस को ऑफसेट या एक्सपोर्ट काम के लिए चुना. विदेशी वेंडर के लिए भारतीय पार्टनर चुनने में रक्षा मंत्रालय की कोई भूमिका नहीं है. उन्होंने अनुभव की कमी और सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को नजरअंदाज किए जाने जैसे सभी आरोपों का जवाब दिया. धींगरा ने कहा कि दो सरकारों की बीच हुई डील के मुताबिक सभी 36 एयरक्राफ्ट्स की आपूर्ति फ्लाई-वे कंडीशन में होनी है. इसका मतलब यह है कि उन्हें फ्रांस से डसॉल्ट के द्वारा निर्यात किया जाएगा और HAL या कोई भी प्रॉडक्शन एजेंसी नहीं हो सकती, क्योंकि एयरक्राफ्ट का प्रॉडक्शन भारत में नहीं होना है. उन्होंने कहा कि 126 मीडियम मल्टि रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (MMRCA) प्रोग्राम में HAL को प्रॉडक्शन एजेंसी चुना गया था, लेकिन यह कभी कॉन्ट्रैक्ट स्टेज पर नहीं पहुंचा.
गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी राफेल सौदे में घोटाले का आरोप लगा रही है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि रिलायंस को फायदा पहुंचाने के लिए देश की हथियार बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को दरकिनार कर कुछ दिन पुरानी रिलायंस डिफेंस को 36 राफेल विमान का ठेका दिया गया है.
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