गुरुवार को सवर्ण समाज के संगठनों द्वारा भारत बंद के बाद भाजपा की चिंता बढ़ गई है। इसलिए भाजपा ने ये तय किया है कि उसका कैडर सवर्ण समाज सामाजिक समरसता का संदेश का संदेश देगी। इस के लिए भाजपा ने बैठक भी किया है। भाजपा काडर सवर्ण समाज को एससी एसटी ऐक्ट के बारे में समझाएगा।भाजपा नेतृत्व सवर्णों के विरोध को देखते हुए हर राज्य के हालात पर नजर रखे हैं, लेकिन वह अपनी सामाजिक समरसता की रणनीति में बदलाव लाने नहीं जा रही है।
पार्टी शनिवार से शुरू हो रही दो दिन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से भी सामाजिक समरसता का संदेश देगी। कार्यकारिणी की बैठक दिल्ली में अबंडेकर प्रतिष्ठान में होने जा रही है। अंबेडकर के स्मारक पर बनाए बैठक स्थल को जोड़कर भाजपा संदेश देगी कि उसकी रीति नीति में अंबेडकर उतने ही अहम है जितने दूसरे नेता।
बैठक का आयोजन आठ व नौ सितंबर को दिल्ली के अंबेडकर प्रतिष्ठान में होने जा रहा है, जबकि इस बैठक के केंद्र में पार्टी के शीर्ष नेता व पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी रहेंगे।कार्यकारिणी सभागार का नाम भी अटल जी के नाम पर होगा और पार्टी एक प्रस्ताव पारित कर अटल जी को श्रद्धांजलि भी देगी।
सवर्ण समाज से आ रही प्रतिक्रियाएं हैं भाजपा की चिंताएं बढ़ा रही है। ऐसे में अनुसूचित जाति व जनजाति उत्पीड़न कानून को लेकर भड़के सवर्णों को समझाने के लिए भाजपा का काडर लोगों के बीचजाएगी। पार्टी का मानना है लोगों का गुस्सा केवल भाजपा व केंद्र सरकार के खिलाफ नहीं था।एससी-एसटी एक्ट में संशोधन कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने के बाद सवर्ण बीजेपी के खिलाफ लामबंद हो रहे हैं। इससे सबसे ज्यादा नुकसान बीजेपी को होता दिख रहा है। इन सवर्ण संगठनों की तरफ से बार-बार यही कहा जा रहा है कि नोटा के जरिए हम बीजेपी और कांग्रेस दोनों का विरोध करेंगे।