“चुनाव विशेष” : महागठबंधन में अभी भी रार बरकरार, घटक दलों के नेता एक दूसरे को गिराने में हैं लगे
सिटी पोस्ट लाइव ” चुनाव विशेष” : अमूमन सभी चुनावों में सभी की निगाहें खासकर हिंदी भाषी प्रदेशों पर टिकी रही हैं। इनमें सबसे अधिक चर्चा और बहस यूपी को लेकर होती है। लेकिन इसबार 40 लोकसभा सीटों वाले बिहार पर ना केवल सभी की नजर टिकी हुई है बल्कि बिहार में चुनावी सर्कस का लोग भरपूर आनंद भी उठा रहे हैं। सात चरणों में होने वाले इस चुनाव में बिहार की स्थिति बेहद हास्यास्पद और लोमहर्षक है। यूँ कहें तो बिहार के कई सीट हॉट हैं लेकिन इस राजनीतिक विश्लेषण में अभी हम तीन सबसे अधिक हॉट सीटों की चर्चा कर रहे हैं। बिहार का मधेपुरा सीट कई मायनों में बेहद हॉट और खास है। मंडल कमीशन के पुरोधा बी.पी. मंडल की धरती मधेपुरा की इस सीट से यादव जाति के तीन कद्दावर नेता खड़े हैं।
बड़ा अहम मसला यह है कि अपनी अलग पार्टी लोजद बनाने वाले देश के सबसे पुराने सांसद शरद यादव यहाँ से उम्मीदवार हैं ।लेकिन महागठबन्धन का बतौर एक पार्टी लोजद साझीदार होने वाले पार्टी सुप्रीमो शरद यादव को,तेजस्वी यादव ने राजनीतिक रूप से बौना करते हुए,उनको लोजद की जगह मधेपुरा से राजद के सिंम्बल लालटेन पर चुनाव लड़ा रहे हैं ।यानि तेजस्वी यादव ने शरद यादव को उनकी हैसियत लालटेन उठाकर चलने वाली बना कर रख दी है ।मधेपुरा से जदयू के कद्दावर नेता दिनेश चन्द्र यादव एनडीए के उम्मीदवार हैं ।दिनेश चंद्र यादव चार बार विधायक और तीन बार सांसद रह चुके हैं ।इनकी लोकप्रियता और जनाधार अपने बूते है ।साथ ही जदयू और बीजेपी का वोट बैंक इनके साथ है ।
तीसरे उम्मीदवार पप्पू यादव हैं,जो निवर्तमान मधेपुरा सांसद हैं ।पप्पू यादव ने एनडीए से लेकर महागठबन्धन में प्रवेश के लिए भगीरथ प्रयास किये लेकिन कहीं से इन्हें तवज्जो नहीं मिला ।महागठबन्धन के सबसे बड़े नेता राजद के तेजस्वी यादव ने उनके नाम की नो एंट्री की तख्ती पहले ही महागठबन्धन के बाहर लगा दी थी ।काफी दांव-पेंच के बाद पप्पू यादव ने अपनी पार्टी जाप से मधेपुरा संसदीय क्षेत्र से 28 मार्च को अपना नामांकन किया ।दिनेश चंद्र यादव ने भी 29 मार्च को अपना नामांकन कर दिया है ।शरद यादव 3 अप्रैल को नामांकन करेंगे ।शरद यादव के नामांकन के दौरान तेजस्वी यादव,जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा भी रहेंगे ।कुल मिलाकर मधेपुरा सीट तीन दिग्गज यादव नेताओं के दिलचस्प मुकाबले का गवाह बनेगा ।
क्या करेंगी लवली आनंद ?
बिहार की राजनीति में अभी सबसे गर्म मसला यह है कि शिवहर से कांग्रेस के द्वारा टिकट नहीं मिलने पर अब इस लोकसभा चुनाव में लवली आनंद क्या करेंगी और उनके समर्थकों की भूमिका क्या होगी ?बीते 31 मार्च को बिहार के सहरसा के जिला परिषद स्थित रैनबो रिसॉर्ट में हुई आनंद मोहन समर्थकों की विराट बैठक में उपस्थित सभी समर्थकों ने समवेत यह कहा कि आनंद मोहन और लवली आनंद दोनों विधानसभा और लोकसभा जा चुकी हैं ।अब सदन में जाने से बेहतर है कि जो दल आनंद मोहन को जेल से ससम्मान रिहाई का पुख्ता वचन देगा,आनंद मोहन समर्थक पूरे बिहार में उस दल की भरपूर मदद करेगा ।समर्थकों की एक ही आवाज थी कि “एक संकल्प और एक ही लड़ाई,शीघ्र हो आनंद मोहन की रिहाई “।यही नहीं समर्थक यह भी नारे लगा रहे थे कि “जो आनंद मोहन की बात करेगा,वह बिहार पर राज करेगा” कुल मिलाकर आनंद मोहन फैक्टर भी इस लोकसभा चुनाव में अपना व्यापक और दमदार असर दिखायेगा ।31 मार्च को सम्पन्न हुई इस बैठक की सूचना सूबे के मुखिया नीतीश कुमार तक पहुंच चुकी है ।सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक 7 अप्रैल से पहले नीतीश कुमार का दूत 12 साल से सहरसा जेल में बन्द,आनंद मोहन के पास नीतीश कुमार का पैगाम लेकर पहुंचने वाला है ।अगर आनंद मोहन से नीतीश कुमार के दूत की सार्थक और भरोसे की वार्ता हो जाएगी,तो फिर बिहार की राजनीति में एक नया समीकरण देखने को मिलेगा ।इसमें कोई शक नहीं है कि नई परिस्थिति में एनडीए को बहुत फायदा मिलेगा ।
इधर सियासी गलियारे से यह जानकारी मिल रही है कि सहरसा के डॉक्टर समाज ने मीटिंग कर दिनेश चंद्र यादव को अधिक से अधिक मत कराने का फैसला लिया है ।संभावना यह भी है कि कई डॉक्टर दिनेश चंद्र यादव के चुनावी प्रचार के हिस्सा भी बन सकते हैं ।इधर जेल में बन्द प्रखर समाजवादी नेता बाहुबली आनंद मोहन के समर्थकों ने 31 मार्च को सहरसा में एक विशाल बैठक की,जिसमें बिहार के सभी 38 जिलों से उनके समर्थक पहुंचे थे ।इस बैठक में यह फैसला लिया गया कि जदयू और भाजपा,जो भी पार्टी आनंद मोहन को ससम्मान जेल से रिहाई का पुख्ता भरोसा दिलाएगा,आनंद मोहन समर्थक पूरे बिहार में उसी दल को समर्थन और वोट करेंगे ।
के हवाले जानकारी मिल रही है कि सूबे के मुखिया नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव के बाद आनंद मोहन की ससम्मान रिहाई करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे ।इस खबर के बाद,मधेपुरा के जदयू प्रत्यासी दिनेश चंद्र यादव को सीधा लाभ मिलने का कयास लगाया जा रहा है ।वैसे दिनेश चंद्र यादव की निकटता पहले से आनंद मोहन से है और जानकारी मिल रही है कि आनंद मोहन को जेल से बाहर निकलवाने की वे कोशिश भी कर रहे हैं ।एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि शरद यादव मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं,यानि बाहरी हैं,इसकी हवा भी बहाई जा रही है ।मधेपुरा का चुनाव बेहद रोमांचक होगा ।इस सीट से लालू प्रसाद यादव भी सांसद रह चुके हैं । दूसरी हॉट सीट है सारण ।सारण लालू प्रसाद यादव की कर्म भूमि रही है ।लालू प्रसाद यादव यहाँ से चार बार सांसद रह चुके हैं ।इस बार महागठबन्धन ने राजद से चंद्रिका राय को अपना उम्मीदवार बनाया है ।चंद्रिका राय,लालू प्रसाद यादव के समधी हैं ।
लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव की शादी चंद्रिका राय की बेटी ऐश्वर्या राय से हुई है ।लेकिन इस सम्बन्ध में दरार आ चुका है ।तेजप्रताप यादव ने अदालत में ऐश्वर्या से तलाक की अर्जी दायर कर रखी है ।बताना जरूरी है कि चंद्रिका राय वर्तमान में राजद के विधायक थे ।इनके पिता दारोगा प्रसाद राय,बिहार के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं ।एनडीए ने यहाँ से भाजपा के युवा उम्मीदवार राजीव प्रताप रुढ़ी को उम्मीदवार बनाया है ।रुढ़ी तीन बार सांसद और केंद्र में मंत्री भी रह चुके हैं ।यहाँ भी मुकाबला दिलचस्प होने की पूरी संभावना है ।लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने अपने स्वसुर चंद्रिका राय को हराने के लिए ओमप्रकाश यादव को यहाँ से निर्दलीय खड़ा करने की घोषणा कर दी है ।जाहिर तौर पर,पहली नजर में यहाँ से रुढ़ी को फायदा मिलता दिख रहा है ।वैसे सारण चुनाव में अभी देरी है ।यहाँ कई तरह के उतार-चढ़ाव की तस्वीर देखने को मिलेगी ।
तीसरी हॉट सीट है बेगूसराय ।यहाँ से काफी मान-मनौव्वल के बाद नवादा से सिटिंग बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है ।बीजेपी में गिरिराज सिंह को फायर ब्रांड नेता माना जाता है ।राजद ने यहाँ से तनवीर हसन को अपना उम्मीदवार बनाया है ।वामदल ने,देशभर में विवादित युवा नेता कन्हैया कुमार को अपना उम्मीदवार बनाया है ।कन्हैया कुमार को वोट दिलाने के लिए कई फिल्मी हस्तियों के साथ-साथ चंद्रबाबू नायडू,अरविंद केजरीवाल और वामदल के शीर्ष नेता प्रचार में उतरने वाले हैं ।वैसे गुजरात से कांग्रेस के विधायक जिग्नेश मेवाणी बेगूसराय में कैम्प किये हुए हैं ।लेकिन गुजरात में मेवाणी के द्वारा बिहारियों के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी करने की वजह से बेगूसराय में आज लोगों ने उनकी जमकर पिटाई की है ।बेगूसराय के लोगों ने मेवाणी की पिटाई,यह कहते हुए की है कि बिहारी किसी का उधार नहीं रखते हैं ।बेगूसराय की यह सीट एनडीए के लिए शाख की सीट है ।इस सीट पर पूरे देश की नजर टिकी हुई है ।
तीन हॉट सीटों को चर्चा के बाद थोड़ी चर्चा महागठन्धन के भीतर मचे घमाशान पर भी जरूरी है ।हद की इंतहा देखिए कि महागठबन्धन के साथी भीआईपी से 2,हम और रालोसपा से एक-एक उम्मीदवार राजद के खड़े होंगे ।सिर्फ सिंबल इन पार्टियों के होंगे ।इस तरह का खेल किसी भी राज्य में नहीं चल रहा है ।विवादित सीट काराकट से कांग्रेस के कौकब कादरी चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन वहां से महागठबन्धन का घटक दल रालोसपा अपना उम्मीदवार खड़ा कर रहा है ।शिवहर सीट से बाहुबली आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद कांग्रेस के टिकट पर लड़ना चाहती थीं लेकिन राजद ने यह सीट अपने खाते में ले ली ।राजद सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक तेजस्वी यादव लवली आनंद के हाथों में लालटेन थमाकर चुनाव लड़ने का ऑफर कर सकते हैं ।लेकिन लवली आनंद ने अब एक तरह से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला ले लिया है ।लवली आनंद कहती हैं कि वह अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में इसलिए आयी थीं कि कांग्रेस फ्रंट फुट पर खेलते हुए,बिहार में फिर से अपने खोए जनाधार को हासिल करे ।लेकिन कांग्रेस राजद के हाथों की कठपुतली बनकर रह गयी । मुकम्मिल तौर पर महागठबन्धन का जो स्वरूप सामने है,उससे यह पता चलता है कि महागठबंधन बिहार में जीतने के लिए नहीं बल्कि एनडीए को जिताने के लिए चुनावी समर में उतरा है ।आखिर में हम यह जरूर कहेंगे कि देशभर में बिहार का चुनाव सबसे ज्यादा मशालेदार और चटकीला होने वाला है ।
पीटीएन न्यूज मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह की “विशेष” रिपोर्ट