विजया बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और देना बैंक का विलय, देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक
सिटी पोस्ट लाइव : मोदी सरकार ने बैंकों के विलय की दिशा में एक और कदम उठाते हुए देना बैंक, विजया बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के विलय का फैसला किया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इससे बैंक और मजबूत होंगे तथा उनकी कर्ज देने की क्षमता बढ़ेगी। उन्होंने कहा बैंकों की कर्ज देने की स्थिति कमजोर होने से कंपनियों का निवेश प्रभावित हो रहा है। कई बैंक नाजुक स्थिति में हैं और इसका कारण अत्यधिक कर्ज तथा NPA में वृद्धि है।
एसबीआई की तरह विलय से तीनों बैंकों के कर्मचारियों की मौजूदा सेवा शर्तों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने राजधानी में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा ‘इस विलय से परिचालन दक्षता और ग्राहकों की मिलने वाली सेवा बेहतर होगी। विलय के बाद अस्तितव में आनेवाला बैंक तीसरा सबसे बड़ा बैंक होगा पैमाने की मितव्ययिता के साथ मजबूत प्रतिस्पर्धी होगा। नेटवर्क, कम-लागत जमा और अनुषंगी इकाइयों के मामले में बेहतर तालमेल होगा। कर्मचारियों के हितों तथा ब्रैंड इक्विटी का संरक्षण किया जाएगा।
कुमार ने कहा कि देना बैंक, विजया बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के पूंजी समर्थन सुनिश्चित किया जाएगा। तीनों बैंक विलय के बाद स्वतंत्र रूप से काम करते रहेंगे। इससे ग्राहकों की संख्या, बाजार तक पहुंच और संचालन कौशल में वृद्धि होगी। साथ ही, ग्राहकों को ज्यादा प्रॉडक्ट्स और बेहतर सेवा ऑफर किए जा सकेंगे। बैंकों की ब्रैंड इक्विटी सुरक्षित रहेगी। नए बैंक को पूंजी दी जाएगी। अभी देश में बैंक ऑफ बड़ौदा के 5,502, विजया बैंक के 2,129 और देना बैंक के 1,858 ब्रांच हैं। इनके विलय के बाद नए बैंक के 9,489 ब्रांच हो जाएंगे। इससे पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के सहयोगी बैंकों का एसबीआई में विलय किया जा चुका है।