सिटी पोस्ट लाइव : चुनावी साल है ऐसे में सरकार को किसानों की चिंता बहुत सताने लगी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में गन्ना किसानों के हित में बड़ा फैसला लिया गया है. खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा कैबिनेट को गन्ने की कीमत में 20 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया गया है. केंद्र सरकार ने 2018-19 के अगले पेराई सत्र के लिए गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 20 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 275 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है. इससे देश भर के हजारों गन्ना किसानों को राहत मिलेगी.
अब गन्ना किसानों का गन्ना 255 रुपये की जगह अब 275 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जाएगा. आने वाले 2019 चुनाव के लिए मोदी सरकार का ये कदम उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को लुभाने के लिए बड़ा दांव साबित हो सकता है. अब चीनी मिलों को इसी कीमत पर किसानों से गन्ना ख़रीदना होगा. इससे पहले मोदी सरकार ने किसानों के लिए एक और बड़ा फैसला करते हुए फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में भी इजाफा किया था. सरकार ने इसी महीने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 200 रुपए प्रति क्विंटल तक बढ़ाया था.
गन्ने की कीमत को एफआरपी के नाम से जाना जाता है. यह हर साल गन्ने की खेती के सीज़न शुरू होने से पहले घोषित किया जाता है. कई बार राज्य सरकारें गन्ने की एफआरपी के अतिरिक्त किसानों को बोनस भी देती हैं. उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों की सरकारें गन्ना किसानों को बोनस देती आई हैं.कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री ने देश के क़रीब 150 गन्ना किसानों से मुलाक़ात कर उनकी समस्याएं सुनी थी. किसानों की सबसे बड़ी समस्याओं में चीनी मिलीं पर बकाया शामिल था. चीनी मिलों पर किसानों का बकाया लगभग 23000 करोड़ पहुंच गया था.सरकार इस बकाये की रकम किसानों को दिलवाने के लिए भी कदम उठाने जा रही है.