एंबी वैली सहित सहारा की संपत्तियां खरीदना चाह रहें हैं ये कई बड़े घराने
सिटी पोस्ट लाइव : सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र में स्थित सहारा की एंबी वैली परियोजना की नीलामी जारी रहेगी, क्योंकि समूह सेबी-सहारा रिफंड खाते में 750 करोड़ रुपये जमा कराने में नाकाम रही है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति ए. के. सीकरी की पीठ ने यह आदेश आधिकारिक लिक्विडेटर द्वारा यह बताने पर दिया कि सहारा समूह ने रिफंड खाते में पैसे जमा नहीं कराए हैं। इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख 12 जुलाई तय करते हुए पीठ ने कहा, “जहां तक संपत्ति की नीलामी का सवाल है तो वह जारी रहेगी, क्योंकि 750 करोड़ रुपये की रकम जमा नहीं करवाई गई है।”
बता दें सहारा ने 30 संपत्ति की बिक्री के लिए बोली सीमा 20 मई तक के लिए बढ़ा दी थी। इसके बाद भी बोली लगाने वाली कंपनियों ने संपत्तियों की जांच-पड़ताल के लिए कुछ और समय मांगा है। चर्चा है कि जल्दी ही सहारा समूह की 30 संपत्तियों की नीलामी मैं देश की जानी-मानी बड़ी कंपनियों के साथ-साथ बाबा रामदेव की पतंजलि ने भी दिलचस्पी दिखाई है।
कहा जा रहा है कि टाटा, गोदरेज, अदानी, पतंजलि जैसी बड़ी-बड़ी कंपनियों ने सहारा की प्रॉपर्टी खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। जल्द ही सहारा समूह के लगभग 7400 करोड़ की परिसंपत्तियों को नीलाम किया जाएगा। इन संपत्तियों में अधिकांश जमीन के टुकड़े हैं, जिनकी नीलामी रियल एस्टेट कंसल्टेंट्स नाइट फ्रैंक इंडिया के द्वारा की जा रही है।
जानकारी के अनुसार, जो संपत्ति का नीलाम की जानी हैं वह फिलहाल दिल्ली, पुणे, इंदौर, भोपाल, लखनऊ, गुना, हरिद्वार, अलीगढ़, बरेली, फरीदाबाद, गुवाहाटी, झांसी, कानपुर, ग्रेटर नोएडा, पटना, पोरबंदर जैसे तमाम शहरों में मौजूद हैं।