कड़कनाथ मुर्गे बेचकर हर महीने 50 हजार की कमाई कर रहे हैं सालू कंडुलना

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सिटी पोस्ट लाइव, खूंटी:  कहा जाता है कि यदि आदमी में किसी काम के प्रति रूचि और लगन हो, तो कोई भी कठिनाई सफलता के रास्ते में बाधा नहीं बन सकती। मेहनत और भविष्य के प्रति सकारात्मक सोच व्यक्ति को सफलता की बुलंदियों तक पहुंचा देता है और इसे सच साबित कर दिखा रहे हैं तोरपा प्रखंड के घोर उग्रवाद प्रभावित और दुर्गम क्षेत्र चुरदाग गांव के आदवासी युवा किसान सालू कंडुलना। महज छह महीने की मेहनत के बाद ही अब सालू हर महीने 45 से 50 हजार रुपये की शुद्ध कमाई कर कमा रहे हैं। सालू ने बताया कि उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कृषि से बीटेक किया है। बीटेक करने के बाद सरकारी नौकरी पाने में उन्होंने काफी हाथ-पैर मारे, पर कहीं सफलता नहीं मिली। कृषि स्नातक होने के नाते उनका झुकाव कृषि और पाॅल्ट्री की ओर था। उन्होंने कम पूंजी से सुकर, मुर्गी और बतख पालन का व्यवसाय शुरू किया। इसको लेकर सालू ने कई पिगरी और पाॅल्ट्री व डक फार्म का दौरा किया और प्रशिक्षण प्राप्त किया।

सालू बताते हैं कि छत्तीसगढ़ के दौरे के समय उन्हें कड़कनाथ मुर्गा के बारे में जानकारी मिली। कड़कनाथ मुर्गा की बाजार में कीमत लगभग एक हजार रुपये प्रति किलो है। सालू ने बताया कि कड़कनाथ आम मुर्गा से काफी अलग होता है। इसका रंग और मांस व हड्डी और अंडे हल्के काले रंग के होते है। सबसे बड़ी बात कि कड़कनाथ मुर्गा कोलेस्ट्राॅल फ्री और ऑर्गेनिक   होता है। सालू ने बताया कि वह अपने फार्म से 750 रुपये प्रति किलो की दर से कड़कनाथ की बिक्री करते हैं, जबकि वे साधारण मुर्गे को डेढ़ सौ रुपये प्रति किलो की दर से बेचते हैं। कंडुलना बताते हैं कि अभी उन्हें सुकर और कड़कनाथ मुर्गे से हर महीने औसतन 45 से 50 हजार रुपये की कमाई हो जाती है। पूरा परिवार इसी धंधे में लगा हुआ है।

अब तो उन्होंने एक बड़े क्षेत्रफल में आम की बागवानी भी शुरू कर दी है। बतख और सामान्य मुर्गे की फार्मिंग की भी शुरूआत सालू कर चुके हैं। उन्हें इस बात का अफसोस है कि उन्हें कोई सरकारी सहायता नहीं मिली। पूंजी के अभाव में वे सही ढंग से व्यवसाय का संचालन नहीं कर पा रहे हैं। उनका कहना था कि यदि उन्हें पूंजी मिल जाए, तो हर महीने वह एक लाख रुपये से अधिक की आमदनी प्राप्त कर सकते हैं। उन्हें विश्वास है कि कुछ दिनों के बाद वे अपनी कमाई से ही पूंजी की व्यवस्था कर लेंगे। उन्होंने पीक अप वैन भी खरीद लिया है। उन्होंने कहा कि आम की बागवानी से भी उन्हें अच्छी आमदनी होने की उम्मीद है। सालू ने कहा कि जो पढ़े-लिखे नौजवान हैं, वे सरकारी नौकरी के भरोसे न रहें और स्वरोजगार से जुड़ें। सरकारी वेतन से अधिक की कमाई वे आसानी से कर सकते हैं।

70 रुपये में बिकता है एक अंडा

 कड़कनाथ आम मुर्गा से काफी अलग होता है। इसका रंग और मांस व हड्डी और अंडे हल्के काले रंग के होते हैं। सबसे बड़ी बात कि कड़कनाथ मुर्गा कोलेस्ट्राॅल फ्री और ऑर्गेनिक  होता है। सालू ने बताया कि इसमें विटामिन बी-1, बी-6बी-12, सी और ई के साथ ही हीमोग्लोबनि से भरपूर होता है। इसके एक अेंडे की कीमत लगभग 70 होती है। सालू कंडुलना बताते हैं कि कड़कनाथ मुर्गा आमतौर पर बाजार में 1000 से 1200 रुपये प्रति किलो की दर से बिकता है, जबकि आम चिकन की कीमत डेढ़ सौ रुपये प्रति किलो होती है।

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