सिटी पोस्ट लाइव: टेलीकॉम इंडस्ट्री में सबसे बड़े मर्जर को मिली मंजूरी, एक हुए आईडिया और वोडाफोन. दूरसंचार मंत्रालाय ने वोडाफोन-आइडिया सेल्युलर के विलय को गुरुवार को अंतिम मंजूरी प्रदान कर दी है. दोनों कंपनियों ने गत सोमवार को 7,268 करोड़ रुपये की रकम जमा करा दी थी. इसमें 3,924 करोड़ रुपये नकद जमा कराए गए थे, जबकि 3,342 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी जमा करायी गई थी. इस विलय के बाद दोनों कंपनियां एक होकर राष्ट्र की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी होंगी, जिसके 43 करोड़ से भी ज्यादा ग्राहक होंगे.
आपको बता दें कि अब उनकी मार्केट में हिस्सेदारी 35 प्रतिशत के करीब होगी और दोनों मिलकर 23 अरब डॉलर की कंपनी बनेगी. इसमें आदित्य बिरला समूह की हिस्सेदारी 26 प्रतिशत होगी वहीँ कंपनी का नाम बदलकर वोडाफोन आइडिया लिमिटेड हो जाएगा. गौरत्काब है कि जियो के आने से पहले तक भारती एयरटेल के बाद इंडियन मोबाइल सेवा मार्केट में दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन थी, जबकि आइडिया तीसरे नंबर पर थी .
जियो के आने के बाद मार्किट में अपनी बढ़त को कम देखते हुए दोनों कंपनियों ने विलय का फैसला लिया था . इन पर लगभग 1.15 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है. इस जरूरी विलय पर पीएम ऑफिस की भी नजरें लगी हुई थीं . इसकी कामयाबी से गवर्नमेंट की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की नीति को भी बड़ा सहारा मिलने की उम्मीद है . इससे पहले दोनों कंपनियों ने जून तक विलय पूर्ण होने की उम्मीद जताई थी . लेकिन स्पेक्ट्रम शुल्क को लेकर डीओटी द्वारा कानूनी राय लिए जाने के कारण इसमें थोड़ी देर हुई .