राज्य के भीतर एक जगह से दूसरी जगह ( आंतरिक ) माल भेजने के लिए अनिवार्य ई – वे बिल व्यवस्था बिहार, हरियाणा और मध्य प्रदेश सहित छह राज्यों में 20 अप्रैल से शुरू होगी। बिहार के उप – मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अब तक ई – वे बिल व्यवस्था सुगमतापूर्वक काम कर रही है और देश के किसी भी हिस्से से कोई बड़ी समस्या की खबर नहीं आई है। माल भेजने के लिए अंतर – राज्यीय ई-वे बिल व्यवस्था एक अप्रैल से लागू हुई। इसी दिन कर्नाटक ने आंतरिक ( राज्य के भीतर ) ई – वे बिल व्यवस्था की शुरुआत की। उत्तर प्रदेश, गुजरात और केरल सहित पांच राज्यों 15 अप्रैल से अंतर – राज्यीय ई – वे बिल व्यवस्था शुरू की। सुशील मोदी ने यहां मीडिया में कहा कि 20 अप्रैल से छह राज्यों – बिहार, झारखंड, हरियाणा, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा और उत्तराखंड – अंतरराज्यीय ई-वे बिल व्यवस्था लागू होगी।
जीएसटी परिषद ने पिछले महीने एक अप्रैल से ई – वे बिल व्यवस्था लागू करने का फैसला किया था। मोदी ने कहा कि 15 अप्रैल से आंतरिक ई – वे बिल व्यवस्था शुरू होने के बाद से ई – बिल निकलने की संख्या में 25 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। बुधवार को पोर्टल से 10.31 लाख ई – वे बिल निकाले गए, जिनमें से 2.60 लाख आंतरिक ई – वे बिल हैं। उन्होंने कहा कि आंतरिक ई – वे बिल निकालने के लिहाज से गुजरात प्रमुख राज्य है। इसके बाद कर्नाटक और महाराष्ट्र का स्थान है। जीएसटी नेटवर्क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रकाश कुमार ने कहा कि एक अप्रैल से अब तक पोर्टल के जरिए 1.22 करोड़ ई – वे बिल निकाले गए हैं और कर अधिकारियों ने इस पर अब तक 543 सत्यापन रिपोर्ट अपलोड की है।