सिटीपोस्टलाईव :बिहटा एअरपोर्ट बिल्डिंग के लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य पूरा हो गया है लेकिन रन-वे विस्तार का काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है .पूर्व और पश्चिम दोनों दिशा में रन-वे का विस्तार किया जाना है ,लेकिन उसके रास्ते में सैकड़ों घर आ रहे हैं .इन सैकड़ों घरों को तोड़ना सरकार के लिए मुश्किल साबित हो रहा है.सरकार अभीतक तय नहीं कर पा रही है कि कैसे इन सैकड़ों घरों को तोडा जाएगा.
एयरपोर्ट के वर्तमान रनवे के पूरब सर्रफुद्दीनपुर गांव और कब्रिस्तान है. पश्चिम की ओर गोकुलपुर कोरहर गांव है. रनवे का विस्तार नहीं हुआ तो यहां से बड़े विमान उड़ान नहीं भर सकेंगे. बोइंग 747, जंबो जेट जैसे विमानों के लिए 12 हजार फीट रनवे की लंबाई होनी चाहिए लेकिन वर्तमान में बिहटा एयरपोर्ट रनवे की लंबाई 8200 फीट ही है.
किसान मुवावजे की रकम से भी संतुष्ट नहीं हैं और कईबार प्रदर्शन कर चुके हैं.किसानों का आरोप है कि नियम के अनुसार उन्हें अपनी जमीन के मार्किट वैल्यू का चार गुना मुवावजा मिलना चाहिए लेकिन उन्हें बहुत कम मुवावजा दिया जा रहा है.गौरतलब है कि इस ईलाके में पहले जमीन की कीमत बहुत कम थी लेकिन एअरपोर्ट बनने के फैसले के बाद जमीन की कीमत आसमान छू रही है . सरकारी सूत्रों के अनुसार बिहटा में एयरपोर्ट के लिए 12 एकड़ सरकारी जमीन का भी स्थानांतरण किया जाना है.रैयतों की तीन एकड़ जमीन अधिग्रहण करने की कार्रवाई भी चल रही है. कुल 126 एकड़ जमीन में से 112 एकड़ जमीन अधिग्रहण कर लाभुकों को पैसे का भुगतान कर दिया गया है. भू-अर्जन के प्रावधान के अनुसार रैयतों को 80 प्रतिशत प्रारंभिक मुआवजा राशि दी गई है और अप्रैल के अंत तक शेष 20 प्रतिशत राशि भी दे दी जाएगी.
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