मंजू वर्मा को ARMS ACT में क्यों जाना पड़ा जेल, किसी के पास नहीं है माकूल जबाब

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मंजू वर्मा को ARMS ACT में क्यों जाना पड़ा जेल, किसी के पास नहीं है माकूल जबाब

सिटी पोस्ट लाइव : नाटकीय ढंग से ऑटो में बैठकर बुरखा पहनकर कोर्ट में आत्मसमर्पण करने वाली मंजू वर्मा का पहला दिन और पहली रात जेल में भी बड़ा ही नाटकीय रहा. अबतक शान शौकत की जिंदगी जीने वाली पूर्व मंत्री ने कोर्ट से जेल जाने से बचने के लिए हाई-वोल्टेज ड्रामा किया. कोर्ट से जैसे ही जज ने उन्हें जेल भेंजने का आदेश दिया मंजू वर्मा के ऊपर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा. उन्होंने सपने में भी नहीं सोंचा था कि इस तरह से उन्हें एक दिन जेल जाना पड़ेगा. हर समय स्वस्थ और सानंद रहने की दुवा मांगने वाली मंजू वर्मा इश्वर से प्राथना करती रही कि उनका ब्लड प्रेशर  बढ़ जाए, उन्हें हार्ट अटैक आ जाए ताकि वो जेल जाने से बच जाएँ. जब ऐसा कुछ नहीं हुआ तो उन्होंने बीमार पड़ने का हाई वोल्टेज ड्रामा भी किया. चक्कर आने और सिने में दर्द की शिकायत की. लेकिन उनकी वजह से पहले ही बहुत फजीहत झेल  चुकी पुलिस उन्हें राहत देने के मूड में नहीं थी. डॉक्टर ने भी साथ नहीं दिया. उन्हे हर समय अस्वस्थ और बीमार बताने वाले डॉक्टर ने भी उन्हें इस संकट की घड़ी में फिट बताकर उनके जेल जाने का रास्ता साफ़ कर दिया.

जेल सूत्रों के अनुसार जेल पहुंची मंजू वर्मा पूरी तरह से टूट चुकी है. दिन और रात में उन्होंने कुछ नहीं खाया. दिनभर वो महिला कैदियों के बीच मुंह ढके सिसकती रहीं. उनकी आँखें रोने की वजह से लाल हो गई थीं. रात भर वो सोईं नहीं. रातभर बेड पर बैठी रहीं. सारे कैदी सो गए. जेल में सन्नाटा पसर गया. लेकिन रात भर उनके कमरे की लाइट जलती रही. जेल सूत्रों के अनुसार मच्छर काटने की उनकी शिकायत पर गुड नाईट उपलब्ध कराया गया. आधी रात के बाद गुड नाईट के जरिये उन्हें मच्छरों के आतंक से तो निजात मिल गई. लेकिन फिर भी नींद नहीं आई. सुबह भी वो खाना खाने के लिए नहीं पहुंची. जेल के कर्मचारियों ने उनके सेल में खाना पहुंचाया .लेकिन उन्होंने कुछ नहीं खाया. मंजू वर्मा जेल में बिलकुल अशांत हैं. परेशान हैं. जेल के हर एक कर्मचारी से वो एक ही सवाल पूछ रही हैं- मुझे आर्म्स एक्ट में जेल क्यों भेंजा  गया. मैंने तो कभी बन्दुक नहीं चलाई. मुझे तो पता भी नहीं हथियार क्या होता है. गोली क्या होती है. मंजू वर्मा के इस सवाल का कोई जबाब नहीं दे पा रहा है कि उनके घर में अगर जिन्दा कारतूस मिला तो इसके लिए पति के साथ उन्हें अभियुक्त क्यों बना दिया गया. वो पूछ रही हैं- क्या किसी घर में हथियार या गोली बारूद की वारामदगी होने  पर उस घर की महिलाओं के खिलाफ मामला दर्ज होता है, जिनका गोली बंदूक से कोई रिश्ता नहीं होता ?

आमतौर पर अगर पुलिस कहीं छापेमारी के दौरान किसी घर से हथियारों की वरामदगी  करती है तो उस घर के पुरुषों के खिलाफ मामला दर्ज होता है. वहीँ जेल जाते हैं. अब मंजू वर्मा के इस सवाल का कोई जबाब नहीं दे रहा कि उनके ससुराल के उस घर  जिन्दा कारतूस मिला, जहाँ वो रहती नहीं हैं, फिर उन्हें अभियुक्त क्यों बना दिया गया? मंजू वर्मा अपने खिलाफ राजनीतिक साजिश का आरोप लगा रही हैं. जेल में तो मीडिया मौजूद है नहीं, इसलिए वो अपने इन सारे सवालों को जेल कर्मचारियों और कैदियों के सामने रख रही हैं. जेल सूत्रों के अनुसार तमाम महिला कैदी मंजू वर्मा से सहानुभूति दिखा रही हैं.लेकिन उनके ईन सवालों का जबाब कोई नहीं दे पा रहा.

 गौरतलब है कि मंजू वर्मा को अपने  पति चंद्रशेखर वर्मा के मुज़फरपुर बालिका गृह कांड के अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर के साथ संबंधों का खुलासा होने की वजह से मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. उसके बाद सीबीआई ने उनसे पूछताछ की.उनके ससुराल में छापा मारा. ससुराल में अवैध कारतूस मिले तो सीबीआई ने पति के साथ उन्हें भी आर्म्स एक्ट में अभियुक्त बना दिया. बालिका गृह काण्ड में मंजू वर्मा की क्या भूमिका रही है, अभीतक जांच एजेंसियों ने खुलासा नहीं किया. उनके खिलाफ क्या मुक़दमा दायर हुआ है, हुआ भी या नहीं किसी को पता नहीं , लेकिन मंजू वर्मा जेल पहुँच गई हैं. सबसे ख़ास बात वो फंसी हैं अपनी पति की वजह से बालिका गृह काण्ड में और उन्हें जेल भी जाना पड़ा है अपने पति के घर वरामद अवैध कारतूस के मामले में. मंजू वर्मा के जेहन में बस एक ही सवाल उठ रहा है कि पति के घर में अवैध कारतूस मिले, जहाँ वो दस सालों से रहती नहीं, फिर उनके पति के साथ उन्हें आर्म्स एक्ट में क्यों फंसा दिया गया? वो सवाल कर  रही हैं- क्या उन्हें आर्म्स एक्ट में अभियुक्त बनाने के पहले इस बात की जांच नहीं की जानी चाहिए थी कि उनके ससुराल में वरामद अवैध कारतूसों से उनका कोई सम्बन्ध था या नहीं? इस सवाल का जबाब तो उन्हें जेल में कोई दे नहीं पायेगा .इसका जबाब तो सीबीआई ही दे पायेगी.

 

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