पूर्ण शराबबंदी को कौन लगा रहा है पलीता ,उनके खिलाफ क्या हो रही कारवाई ? शराब दिल्ली से ढ़ोकर बिहार लाने के इस धंधे में खुद रेलवे के कर्मचारी शामिल पाए गए हैं.पहले बिना टिकेट के यात्रियों को ढ़ोकर ये कमाते थे .अब इन्हें अपनी आमदनी बढाने के लिए एक बड़ी जरिया बन गई है शराब.
सिटीपोस्टलाईव: बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के वावजूद शराब का अवैध कारोबार कैसे बड़े पैमाने पर चल रहा है ? इस अवैध शराब के कारोबार में कौन अहम् भूमिका निभा रहा है ? सरकार अवैध कारोबार के सबसे बड़े जरिये के खात्मा के लिए क्या कर रही है ? ईन सारे सवालों के जबाब सामने आ चुके हैं.इनके जबाब खोजने के लिए विशेष माथा-पच्ची करने की दरकार नहीं है.
पूर्ण शराबबंदी को कौन लगा रहा है पलीता ,उनके खिलाफ क्या हो रही कारवाई ? गया एसएसपी ने अपने एक थानेदार को शराब के अवैध कारोबारियों से हाथ मिलाने के जुर्म में गिरफ्तार किया .वह थानेदार एक शराब माफिया से केवल शराब के एक खेप छोड़ने के लिए तीन लाख वसूले थे.जिस थानेदार को अवैध शराब के कारोबार के आरोप में पकड़ा गया वहीं पहले कई शराब की खेप पकड़ कर वाहवाही भी लूट चूका है.क्या ये मामला यह साबित नहीं करता है कि पुलिस अवैध शराब के कारोबार को आगे बढ़ा रही है ? शराब की बरामदगी केवल दिखावे के लिए है ताकि कोई उसके ऊपर संदेह नहीं करे.
पूर्ण शराबबंदी को कौन लगा रहा है पलीता ,उनके खिलाफ क्या हो रही कारवाई ? आये दिन ट्रेनों से शराब की खेप पकड़ी जा रही है.शराब दिल्ली से ढ़ोकर बिहार लाने के इस धंधे में खुद रेलवे के कर्मचारी शामिल पाए गए हैं.पहले बिना टिकेट के यात्रियों को ढ़ोकर ये कमाते थे .अब इन्हें अपनी आमदनी बढाने के लिए शराब एक नया जरिया बन गया है.शराब तस्करी आमदनी का सबसे बढिय़ा जरिया बनती जा रही है इनके लिए .पिछले दो वर्षों में शराब का धंधा करने वाले 31 रेलकर्मी जीआरपी के हत्थे चढ़ चुके हैं.केवल शराब की तस्करी तक ही बात सिमित नहीं थी.इन्होने ट्रेन को ही मयखाना बना दिया था. यात्रियों की शिकायत पर रेल पुलिस ने छापेमारी कर जाम छलकाने के आरोप में नशेड़ी रेलकर्मियों को गिरफ्तार भी कर चुकी है.
जांच पड़ताल में पकडे गए ईन कर्मचारियों ने स्वीकार किया है कि पहले ये ट्रेनों की बर्थ बेचकर हर दिन आसानी से हजारों रुपये की ऊपरी आमदनी कर लेते थे.लेकिन करेंट ऑनलाइन टिकट बुकिंग सिस्टम शुरू होने के बाद से ट्रेनों में बर्थ खाली होना मुश्किल हो गया तो इन्होने अपनी कमाई को जारी रखने के लिए शराब तस्करी शुरू कर दिया .पिछले एक साल में रेल से शराब तस्करी 1928 मामले दर्ज किए जा चुके हैं.एक दर्जन से ज्यादा रेलकर्मी गिरफ्तार हो चुके हैं.पुरे बिहार की बात करें तो शराबबंदी के मामलों में बिहार में हुई 1.21 लाख गिरफ्तारी हो चुकी है . 25 लाख लीटर से ज्यादा शराब बरामद हो चुकी है .फिर भी आप जहाँ चाहें,जब चाहें शराब प् सकते हैं.सोंचिये कितने बड़े स्तर पर बिहार में अवैध शराब का कारोबार चल रहा है.
शराब के इस अवैध कारोबार के जारी रहने के लिए खासतौर से दो ही तरह के लोग जिम्मेवार हैं.एक तो खुद पुलिस जिसे इसे रोकने के काम में लगाया गया है.और दूसरे रेल कर्मचारी .जबतक इन दोनों की निगरानी की भरपूर व्यवस्था नहीं होगी ये जालिम शराब ऐसे ही जुल्म ढाती रहेगी.
कनक प्रत्यूष