सिटी पोस्ट लाइव : एकबार फिर से बोधगया दहल गया.महाबोधि मंदिर के बाहरी परिसर लावारिस सूटकेस मिलने से हडकंप मच गया.लावारिश सूटकेस मिलने की खबर मिलते ही वहां सिटी एसपी राकेश कुमार लाव-लश्कर के साथ पहुंचे. पुलिस के साथ डॉग स्क्वायड की टीम ने मेटल डिटेक्टर से सूटकेस की जांच कराई साथ ही इलाके के होटलों की भी तलाशी ली गई.कुछ देर के लिए मंदिर के आसपास दहशत का महौल बन गया. मंदिर के सुरक्षा कर्मियों ने पूरे एरिया को सुरक्षा घेरे में ले लिया और सघन तालाशी शुरू कर दी. मौके पर डॉग स्कवायड (Dog Squad) और बम निरोधक दस्ता पहुंचा और जांच शुरू कर दी. इस मामले की सूचना मिलते ही सिटी एसपी राकेश कुमार और एसडीपीओ अजय प्रसाद भी आनन-फानन में पहुंचे और मामले की छानबीन की.
जवानों ने संदिग्ध स्थिति में सूटकेस को कब्जे में लिया. सुरक्षाकर्मियों ने सब कुछ इतनी तत्परता के साथ किया कि आसपास वहां मौजूद इसको इसकी भनक तक नहीं लगी. जब बैग की तलाशी ली गई, तब उसके अंदर से एक एप्पल का लैपटॉप, मोबाइल चार्जर, पावर बैंक, किताब, कपड़े और अन्य सामग्री निकले, तब जाकर पुलिस ने राहत की सांस ली. हालांकि एहतियाती तौर पर पुलिस ने पूरे मंदिर एरिया में डॉग और बम निरोधक दस्ता के साथ जांच की.इस दौरान होटलों, गेस्ट हाउस और अन्य स्थलों की भी सघन तलाशी ली गई. सिटी एसपी राकेश कुमार ने बताया कि सूटकेस से कोई आपत्तिजनक सामान नहीं मिला है. फिलहाल पुलिस सभी बिन्दुओं पर छानबीन कर रही है.
बैग को मंदिर के कंट्रोल रूम में सुरक्षित रखा गया है उन्होंने कहा कि शायद किसी पर्यटक का सूटकेस छूट गया हो फिलहाल इसमें से किसी की पहचान पत्र नहीं मिला है. गौरतलब हो कि महाबोधि मंदिर में बम धमाके के बाद मंदिर की सुरक्षा सख्त कर दी गई है.100 खुफिया कैमरे और 500 बीएमपी के जवान मंदिर की सुरक्षा में लगाए गए हैं. इन सब के बाद भी मंदिर में जाने के लिए श्रद्धालुओं को कई स्तर के जांच की प्रक्रिया से गुजरना होता है. जिसके बाद वो मंदिर के गर्भगृह तक पहुंचते हैं. वर्ष 2013 में महाबोधि मंदिर में सीरियल बम ब्लास्ट की घटना हुई थी जिसमें कई बुद्धिस्ट घायल हुए थे हालांकि इस मामले में कई आतंकी को भी गिरफ्तार किया गया है. दूसरी घटना वर्ष 2018 में हुई थी जहां मंदिर परिसर में टाइमर बम लगाया गया था.