शर्मसार हुई बुद्ध नगरी हुई, महाबोधि मंदिर में दो बौद्ध भिक्षु भिड़े.
सिटी पोस्ट लाइव : शान्ति, सत्य,अहिंसा का संदेश देश दुनिया को देनेवाली भगवन बुद्ध की तपोभूमि ,ज्ञान भूमि को उनके ही भक्तों ने शर्मसार कर दिया है. बोधगया के विश्वविख्यात महाबोधि मंदिर के परिसर में रविवार को दो बौद्ध भिक्षु बुद्ध के सत्य-अहिंसा और शान्ति के संदेशों को भूल हिंसा पर ऐसे उतर आये कि मरने मारने पर उतारू हो गए. महाबोधि मंदिर के मुख्य पुजारी भिक्षु चालिंदा ने बोधगया थाने में इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई है.
जानकारी के मुताबिक चीवर दान कार्यक्रम के दौरान रविवार को सैकड़ों बौद्ध भिक्षुओं ने महाबोधि मंदिर परिसर में विशेष पूजा की. पूजा में बैठने को लेकर दो बौद्ध भिक्षु आपस में भीड़ गए.दोनों बौद्ध भिक्षुओं के बीच जबरदस्त मारपीट शुरू हो गई. अन्य बौद्ध भिक्षुओं ने हस्तक्षेप कर किसी तरह से दोनों को शांत कराया, फिर पूजा शुरू हुई.अब पुलिस सीसीटीवी के फुटेज के आधार पर कार्रवाई करने की तैयारी में है.
गौरतलब है कि बौद्ध भिक्षुओं के लिए वर्षावास बहुत महत्वपूर्ण है. 16 जुलाई से 13 अक्टूबर तक वर्षावास चलता है. बौद्ध भिक्षु वर्षावास में बौद्ध कुटिया या बौद्ध विहार में आषाढ़ पूर्णिमा से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक रहते हैं, पूरे तीन माह तक एक वक्त भोजन कर साधना और अध्ययन में लगे रहते हैं. वर्षावास के समाप्ति पर बौद्ध भिक्षु धर्म प्रचार के लिए निकलते हैं. यह परंपरा ढाई हजार साल पुरानी है. वर्षावास समाप्ति के बाद 1 माह तक बौद्ध भिक्षुओं के लिए चीवर दान कार्यक्रम आयोजित किया जाता है.लेकिन लोगों को शान्ति, अहिंसा का पथ पढ़ानेवाले बौद्ध भिक्षु अगर इस तरह से आपस में लड़ेगें तो फिर उनके द्वारा दिए गए संदेश लोगों को कितने रास आयेगें, ये सवाल बड़ा है.