शराबबंदी को लेकर टोल फ्री नंबर जारी, शिकायत पर 24 घंटे में होगी कार्रवाई

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सिटी पोस्ट लाइव : शराबबंदी के वावजूद शराब का कारोबार बिहार में रुकने का नाम नहीं ले रहा.आये दिन शराब की खेप पकड़ी जा रही है. अब सरकार ने बिहार में शराब (Alcohol) बेचनेवालों और पीनेवालों के खिलाफ शिकायत मिलने पर 24 घंटे के अंदर कारवाई का फरमान जारी किया है. बिहार पुलिस ने इसके लिए खास रणनीति बनाई है. अब शराब के धंधे और इसके सेवन करने वालों के खिलाफ किसी भी तरह की शिकायत मिलने पर पुलिस को तुरत कार्रवाई करनी होगी.अब कोई भी घर बैठे एक टोल फ्री नंबर (Toll Free Number) पर शिकायत कर सकेगा और शिकायत मिलने के 24 घंटे के अंदर ही कार्रवाई करना थानेदार की जिम्मेवारी होगी.

अगर समय पर कार्रवाई नहीं हो सकी तो थानेदार के साथ ही एसडीपीओ तक कार्रवाई के घेरे में आ जाएंगे.मद्य निषेध कानून को सक्रिय बनाने के लिए शराब से संबंधित किसी भी तरह की शिकायत टोल फ्री नंबर 15545 पर की जा सकेगी. इस नंबर पर आने वाली शिकायत का फौरी तौर पर निपटारा किया जाएगा. कार्रवाई के लिए थानेदार को 24 घंटे मिलेंगे. ऐसा नहीं होने पर इसकी सूचना उच्चाधिकारियों तक चली जाएगी. शराबबंदी को ज्यादा प्रभावी बनाने के मकसद से मद्य निषेध विभाग ने इस टोल फ्री नंबर का व्यापक प्रचार-प्रसार करने का फैसला किया है. इसके लिए सभी ट्रांसफार्मर के पोल पर इस टोल फ्री नंबर 15545 का बोर्ड दिखाई देगा. इस टोल फ्री नंबर पर कोई भी व्यक्ति शराबबंदी से जुड़ी किसी भी तरह की शिकायत दे सकता है या फिर उसका कुछ सुझाव हो तो वह भी वह दे सकता है.

टोल फ्री नंबर पर की जाने वाली कॉल मुफ्त रहेगी. मद्य निषेध विभाग के टोल फ्री नंबर को सभी प्रखंडों और अंचलों के सरकारी इमारत पर अंकित किया जाएगा. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पंचायत भवनों से लेकर आंगनबाड़ी केंद्रों और बाल विकास परियोजना कार्यालय पर भी इस टोल फ्री नंबर को प्रदर्शित किया जाएगा. मद्य निषेध विभाग का नंबर पहले से जारी है, लेकिन समीक्षा में यह जानकारी मिली है कि इसको लेकर जागरूकता की कमी है. ऐसे में नए सिरे से इसके प्रचार-प्रसार का आदेश निर्गत किया गया है. मद्य निषेध विभाग के अधिकारियों की मानें तो टोल फ्री नंबर पर आने वाली शिकायतों को जिला और थाना स्तर पर कार्रवाई के लिए दिया जाएगा.

नए निर्देश के अनुसार थानेदार को शराबबंदी से जुड़ी 24 घंटे के अंदर कार्रवाई कर रिपोर्ट देनी होगी. डीएसपी 48 घंटे के अंदर कार्रवाई करेंगे. अगर वह भी कार्रवाई नहीं कर पाए तो इसकी सूचना एसपी के पास चली जाएगी, जिनके पास कार्रवाई के लिए 3 दिनों का समय होगा. इसके बाद भी अगर कार्रवाई नहीं होती तो विभागीय अधिकारियों के पास इसकी सूचना चली जाएगी. इस समय सीमा में कार्रवाई नहीं करने वाले संबंधित पदाधिकारी कार्रवाई के दायरे में आ जाएंगे.

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