ओटीपी पूछ 1.70 लाख रुपये ठगने वाले तीन साइबर अपराधी गिरफ्तार
सिटी पोस्ट लाइव, बोकारो: बोकारो जिला किसी बैंक खाताधारी के मोबाइल पर आये ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) को पूछकर उसके खाते से रुपए टपाने वाले साइबर अपराधियों के गिरोह का भंडाफोड़ करने में बोकारो जिला पुलिस ने कामयाबी पाई है। पुलिस ने तीन अलग-अलग मामलों में लगभग 1,70000 रुपये की ठगी करने वाले तीन अपराधकर्मियों- ताहिर अंसारी, अफजल अंसारी और रियाजुद्दीन अंसारी को गिरफ्तार किया है। तीनों दुमका जिले के जरमुंडी थाना क्षेत्र अंतर्गत हथनवा ग्राम निवासी बताए जाते हैं। पुलिस ने उनके पास से एक लैपटॉप, पांच मोबाइल, दो पासबुक, पांच एटीएम कार्ड, दो चेक और कुल 11 सिमकार्ड सहित अन्य सामान बरामद किए हैं। शनिवार को एसपी पी. मुरूगन ने बताया कि साइबर अपराधकर्मियों के उक्त गिरोह का मुख्य सरगना विक्रम अंसारी बताया जा रहा है, जो छापेमारी के दौरान फरार हो गया। उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में लोग अपना बैंक डिटेल, एटीएम डिटेल या मोबाइल पर आया ओटीपी आदि शेयर न करें। चाहे कितने ही बड़े बैंक अधिकारी का नाम लेकर फोन क्यों न किया जाता हो, लोग इसे किसी को न बतायें। यह साइबर अपराधियों की ठगी का जरिया है।
इन्हें बनाया ठगी का शिकार
एसपी पी. मुरूगन के अनुसार अपराधियों ने खुद को बैंक का अधिकारी बताकर 15 दिनों के भीतर तीन अलग-अलग मामलों में ठगी को अंजाम दिया। बालीडीह थाने में प्रतिनियुक्त चौकीदार शिवनाथ हजाम के मोबाइल पर फोन कर अपराधी ने खुद को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का अधिकारी बताया और एटीएम का विवरण तथा ओटीपी पूछ कर उनके खाते से 40 हजार रुपये की ठगी कर ली। इसी प्रकार चास निवासी मनोरथ ठाकुर के खाते से 80,500 रुपए की निकासी साइबर अपराधकर्मियों ने एटीएम कार्ड डिटेल और ओटीपी पूछकर उड़ा डाले थे। जबकि तीसरी घटना माराफारी थाना क्षेत्र की है, जिसमें गोपाल सिंह नामक एक व्यक्ति के मोबाइल पर भी बैंक अधिकारी बताकर अपराधियों ने ओटीपी पूछकर उसके खाते से 50 हजार रुपये की निकासी कर ली थी। 15 दिनों के भीतर इन सभी कांडों को अंजाम दिया गया।
तकनीकी अनुसंधान में हुआ खुलासा
एसपी ने बताया कि उक्त तीनों मामले की छानबीन के दौरान तकनीकी अनुसंधान के पश्चात गिरोह का खुलासा हो सका और तीनों अपराधकर्मियों की गिरफ्तारी संभव हो पायी। मुख्यालय पुलिस उपाधीक्षक सतीश चंद्र झा और चास के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी बहामन टूटी के नेतृत्व में गठित अनुसंधान सह छापामारी दल में बालीडीह थाने के पुलिस अवर निरीक्षक जीतमोहन स्वांसी, सहायक अवर निरीक्षक बिरजू राम, चास थाने के सहायक अवर निरीक्षक रविंद्र नाथ पांडेय, तकनीकी शाखा के कामेश्वर कुमार सहित लखन उरांव, मो. शमीम अहमद, क्यूआरटी टीम के बमशंकर शाही तथा बबलू कुमार शामिल थे।
ई-वॉलेट के जरिये लगाया गया चूना
एसपी ने बताया कि साइबर ठगी के उक्त सभी तीनों मामले में ई-वालेट के जरिए भुक्तभोगियों को ठगी का शिकार बनाया गया। अपराधियों ने खुद को बैंक का अधिकारी बताकर उनसे एटीएम का डिटेल और ओटीपी पूछ लिया। उसके बाद ई-वॉलेट में भुक्तभोगी के खाते से रुपए डाल लिए। फिर तुरंत ही अपने ही गिरोह के किसी अन्य बैंक खाते में उसी ई-वालेट से उक्त रुपए ट्रांसफर कर दिए गए और तत्काल अपराधियों द्वारा एटीएम के जरिए उक्त राशि की निकासी भी कर ली गई। एसपी ने बताया कि उक्त तीनों मामले में पेयू मनी, ऑक्सीजन और ओला कैब्स ई वॉलेट का उपयोग किया गया। अपराधियों ने फर्जी ईमेल आईडी के बिना रखे थे और उनके नाम पर कई फर्जी मोबाइल नंबर भी चल रहे थे।
ग्राहक सेवा केन्द्र चलाता था अपराधी
एसपी ने यह भी बताया कि गिरफ्तार किए गये अफजल अंसारी के नाम से उसके गांव हथनवा में भारतीय स्टेट बैंक का ग्राहक सेवा केंद्र भी चलाया जा रहा था। एक सवाल के जवाब में एसपी ने कहा कि अब उक्त केंद्र का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। इतना ही नहीं, वह पूर्व में भी जेल जा चुका है।