सिटी पोस्ट लाइव : पटना सिटी के गायघाट रिमांड होम में यौन शोषण का शिकार हुई युवती का शनिवार को कोर्ट मेंबयान दर्ज कराया गया. सीआरपीसी की धारा 164 के तहत न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष बयान दर्ज कराया गया. पीडि़ता के हाथ पर कई जगह दागने-काटने के निशान हैं. मेडिकल जांच रिपोर्ट से पता चल पाएगा कि उसे किस तरह से प्रताडि़त किया गया और ये निशान उसके हाथ पर कैसे आए? वहीं, दूसरी तरफ रिमांड होम मामले में काल्पनिक नाम से प्राथमिकी दर्ज कराने वाली पीडि़ता से एसआइटी (विशेष जांच टीम) ने सचिवालय एएसपी काम्या मिश्रा के नेतृत्व में पूछताछ की.
ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट से पीडि़ता ने बताया कि रात का खाना खाने के बाद वह गहरी बेहोशी की हालत में चली जाती थी. अगली सुबह उठने पर उसके बदन में काफी दर्द होता था. इस कारण उसका स्वभाव भी चिड़चिड़ा हो गया था. कई दिनों तक ऐसा होने पर उसने साथ रह रहीं संवासिनों से पूछा तो मालूम हुआ कि अधीक्षक वंदना गुप्ता रिमांड होम में रात के वक्त अवैध तरीके से लड़कों को भेजती थीं. उन्हीं लड़कों के साथ उसे भी सुलाया जाता था.पीडि़ताओं की अधिवक्ता मीनू कुमारी ने बताया कि रिमांड होम में दुव्र्यवहार के खिलाफ काल्पनिक नाम से प्राथमिकी दर्ज कराने वाली युवती ने तिरस्कार के बावजूद साहसी कदम उठाया, ताकि वहां रहने वाली संवासिनों को बचाया जा सके.
पीडिता ने दूसरे युवक से शादी कर अपनी गृहस्थी बसा ली है. वह एसआइटी को अपना असली नाम और मायके का पता बता दिया है.उसने जांच टीम को ये आश्वासन भी दिया है कि जांच में जब और जहां उसकी जरूरत होगी, वह सदेह उपस्थित रहेगी. बावजूद इसके एसआइटी ने उसपर पति का नाम बताने के लिए दबाव बनाया. उसे आशंका है कि पुलिस उसकी निजता भंग कर सकती है और उसका पारिवारिक जीवन नष्ट हो सकता है.