सिटी पोस्ट लाइव :कैदियों के लिए एक अच्छी खबर है.अब उन्हें बच्चा पैदा करने के लिए भी पैरोल मिल सकता है.अब तक स्वजनों के अंतिम संस्कार और शादी के लिए ही बंदियों को पैरोल मिलता रहा है.लेकिन पटना हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक कैदी को संतान पैदा करने के लिए 15 दिन की पैरोल दी है. संभवतः बिहार में यह इस तरह का पहला फैसला है. पटना हाईकोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में एक कैदी को संतान पैदा करने के लिए 15 दिन के पैरोल पर रिहा किया है.
कानून के जानकारों के अनुसार बिहार का इस तरह का यह पहला मामला है. नालंदा जिले के रहुई थाना क्षेत्र स्थित उत्तरनावां गांव का रहनेवाला विक्की आनंद हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा काट रहा है. यह सजा इसे वर्ष 2012 में सुनाई गई थी. तब से वह बिहारशरीफ की जेल में बंद है. उसकी पत्नी रंजीता पटेल ने वंशवृद्धि के लिए पटना हाईकोर्ट में पैरोल देने की याचिका दायर की थी. कोर्ट ने उसकी दलील को तर्कपूर्ण मानते हुए यह निर्णय किया कि मुजरिम को 15 दिन के लिए जेल से बाहर आने दिया जाए.
हाईकोर्ट के एक वकील ने इस केस के बारे में बताया कि हत्या के आरोप में जिला न्यायालय ने विक्की आनंद को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. नालंदा विधिक सेवा प्राधिकार के जेल विजिटर अधिवक्ता देवेन्द्र शर्मा की सलाह पर विक्की की पत्नी ने 2019 में उनके माध्यम से पैरोल पर छोड़ने की याचिका दायर की थी. सुनवाई में पत्नी ने दलील दी थी कि पति की उम्रकैद के कारण वह जीवनभर संतानहीन रह जाएगी. मुजरिम की पत्नी की दलील सुनने के बाद हाईकोर्ट ने कैदी को 15 दिन की पैरोल पर छोड़ने का फैसला सुनाया.