ये कलयूग नहीं , भट्ठयुग है, पिता है बलात्कारी, ये शासन नहीं, कुशासन है, नहीं है सुनवाई

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव : आजकल बच्चियों के साथ हो रही छेड़छाड़ और गैंगरेप की घटनाओं को लेकर लोग चिंतित हैं. लेकिन सच्चाई ये है कि बेटियां अब अपने घरों में भी सुरक्षित नहीं हैं. जब बच्चियां अपने घर में पिता के साथ भी  महफूज न रहें तो, इसे आप क्या कहेगें . घोर कलयूग . जी हाँ, ये घोर कलयुग ही है,जहाँ बेटियों की अस्मत को खतरा अपने बाप भाई से भी है. एक ऐसा ही मामला सामने आया है पटना में . एक नाबालिग लड़की के साथ पहले उसके पिता ने बलात्कार किया फिर चाचा ने. जब बच्ची को लगा कि अपने घर में वह, महफूज नहीं है, तो घर छोड़ पहुँच गई ,पुलिस के पास .

छपरा के  अवतारनगर थाना क्षेत्र की इस  नाबालिग 8 साल की बच्ची की देखभाल के लिए मां भी नहीं बची है, पापा और चाचा बलात्कारी बन गए हैं. फिर उसकी रक्षा कौन करेगा. वह भागकर पटना पहुँच गई. बिहार महिला विकास मंच की मुख्य संरक्षक से गुहार लगाई. मुख्य संरक्षक के साथ कदमकुआं थाने गई.लेकिन थानेदार ने इसे छपरा जिले का मामला बताकर  केस दर्ज करने से मना कर दिया. टाउन डीएसपी के पास पहुंची, कुछ नहीं हुआ फिर फिर डीआइजी राजेश कुमार ने मामले पर संज्ञान लिया .डीआइजी ने मंगलवार को पीडि़ता का बयान दर्ज कराकर केस को छपरा स्थानांतरण करने का निर्देश दिया.

नाबालिग मूल रुप से छपरा जिले के अवतारनगर थाना क्षेत्र की निवासी है. 16 वर्ष की यह  पीडि़ता अपने पिता, मां और दोनों भाइयों के साथ कदमकुआं थाना क्षेत्र के दरियापुर में रहती थी. उसके पिता वाहन चलाते हैं. जब आठ साल की थी, तब से उसका पिता उससे गलत हरकत करता था. वह नशे में धुत होकर आता था और उसे पास बुलाकर बुरी हरकत करता था. मां को जब मामले की जानकारी हुई तो बेटी को लेकर चाचा के पास चली गई. मां की मौत के बाद चाचा ने पीडि़ता के साथ  दुष्कर्म शुरू कर दिया पीडि़ता के साथ उसका हैवान चाचा तीन माह से दुष्कर्म कर रहा  फिर उसने भागकर पटना आने का फैसला लिया . संस्था की संरक्षक वीना मानवी का कहना है कि राजेन्द्रनगर अस्पताल में मेडिकल के लिए दो घंटे से पीडि़ता बैठी रही. डॉक्टर केबिन बंद कर चले गए. बाद में उसने उच्चाधिकारियों से संपर्क किया, इसके बाद पीडि़ता की बात सुनी गई.

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